1990 की सबसे महंगी फिल्म, 4 बड़े स्टार्स पर मेकर्स ने बहाए करोड़ों रुपए, निकली आदिपुरुष से भी बड़ी FLOP
दरअसल, यहां हम भारतीय सिनेमा के शंहशाह स्टारर अमिताभ बच्चन की फिल्म अजूबा के बारे में बात कर रहे हैं जो 1990 में रिलीज हुई थी. अजूबा 90 के दशक की एक सुपरहीरो फिल्म है, जिसका निर्माण और निर्देशन शशि कपूर ने किया है और सह-निर्देशन सोवियत फिल्म निर्माता गेनाडी वासिलिव ने किया था.
इस फिल्म में एक नहीं बल्कि ऋषि कपूर, डिंपल कपाड़िया , अमिताभ जैसे 4 बड़े स्टार थे. इसमें अमिताभ बच्चन ने टाइटैनिक सुपरहीरो अजूबा की भूमिका निभाई थी. इनके अलावा सोनम, शम्मी कपूर, दारा सिंह, सईद जाफरी और अमरीश पुरी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. कुल मिलाकर इसमें 9 स्टार्स ने काम किया था.
अजूबा को 90 के दशक में 80 मिलियन यानी 8 करोड़ रुपए के बजट में बनाया गया था और ये उस दौर की सबसे महंगी फिल्म बताई गई थी. लेकिन बाद में ये बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप गई. अजूबा दुनिया भर में 12 अप्रैल 1991 को ईद के वीकेंड पर रिलीज हुई. इसे मिली- जुली प्रतिक्रियाएं मिली थीं और स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स व म्यूजिक के लिए इसे सराहा गया था लेकिन कहानी, स्क्रिप्ट और निर्देशन की आलोचना की गई थी. 4 बड़े सुपरस्टार्स वाली 1990 की यह मेगा फ्लॉप अब तक बनी सबसे महंगी भारतीय फिल्म थी और इसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विजुअल इफेक्ट्स का प्रयोग किया गया था. हालांकि, इन सबके बावजूद, अजूबा ने भारत में केवल 3.50 करोड़ रुपये की कमाई की और एक बड़ी डिजास्टर साबित हुई थी. इस तरह से देखा जाए तो फिल्म आज के दौर की आदिपुरुष से भी बड़ी फ्लॉप निकली थी जिसे 225 करोड़ का घाटा लगा था और 500-600 करोड़ में बनाया गया था.
अजूबा में अमरीश पुरी के रूप में, इसमें उस युग का सबसे बड़ा खलनायक था, और सईद जाफरी, दलीप ताहिल, सोनम और दारा सिंह जैसे अन्य लोकप्रिय अभिनेता भी थे. इन सब के अलावा रूसी अभिनेत्री एरियाडना शेंगेलया ने भी फिल्म में डेब्यू किया था. लेकिन फिल्म की असफलता का असर ऐसा हुआ कि उन्होंने फिर कभी भारत में काम नहीं किया. किसी ने भी दर्शकों का ध्यान नहीं खींचा और न ही मनोरंजन किया.
निर्देशक शशि कपूर के लिए भी फिल्म की असफलता एक बड़ी चुनौती थी. अनुभवी अभिनेता पहली बार निर्देशक बने थे और राज कपूर की मृत्यु के बाद यह कपूर परिवार की पहली बड़ी फिल्म थी. स्वाभाविक रूप से, बॉक्स ऑफिस पर असफलता ने उन्हें इस हद तक हतोत्साहित कर दिया कि उन्होंने फिर कभी निर्देशन का प्रयास नहीं किया और अभिनय में लौट आए. और फिर कुछ ही सालों में शशि कपूर ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया था.