Mushroom Production : मशरूम की खेती करने से आप बन जाएंगे लखपति, इतने समय में होगी मोटी कमाई
अगर आप खेती कर अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए जरुरी खबर है। आज हम आपको ऐसी चीज की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे मोटी कमाई होगी। मशरूम की खेती करके आप कम समय में तगड़ी कमाई कर सकते हैं।
मौजूदा समय में काफी मात्रा में मशरूम की खेती हो रही है। किसानों का भी रुझान काफी बढ़ रहा है। इस समय काफी सारी वैराइटी में मशरूम पेश हो रहे हैं। अगर लगन से खेती करते हैं तो 3 हजार पॉलीबैंग मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं।
किसान शशि कुमार मीडिया से बात करते हुए कहते हैं कि अब तक उन्हें मशरूम उत्पादन से कम लागत में ज्यादा लाभ हो रहा है। ये कम लागत में ज्यादा लाभ देने वाली फसल है। 3 हजार पॉलीबैग में करीब 300 किलो से ज्यादा मशरूम का उत्पादन हो सकता है।
मशरूम को होलसेल में 200 रुपये प्रति किलो बेचते हैं। नए किसानों को 150 रुपये प्रति किलो देते हैं। किसानों को जागरूक करने के लिए वह 50 रुपये सस्ता मशरूम देते हैं। जिससे कि किसान इससे अच्छा लाभ प्राप्त कर सकें।
जानें कैसे करें मशरूम का उत्पादन
किसान शशि ने कहा कि मशरूम का उत्पादन कहना काफी आसान है। इसके लिए सबसे पहले धान और गेंहू का भूसा मिक्स करके 24 घंटे पानी में भिगोकर रखते हैं फिर कुछ दवाई को मिलाकर सुखाते हैं।
अब प्लास्टिक में पैक कर देते हैं। फिर उसमें बीच डालकर उसे पैक करके बंद करके में लटका देते हैं। इसके उत्पादन के लिए अंधेरा और ठंडा घर का होना जरुरी है। जिससे कि टैंप्रेटर समान रहे।
बिहार में तीन प्रकार के मशरूम की खेती होती है। इसमें ऑयस्टर मशरूम, बटन मशरूम औ मिल्की यानि कि दूधिया मशरूम होता है। ठंड के मौसम में ऑयस्टर और बटन मशरूम तैयार होता है।
मार्च महीने के बाद मिल्की यानि कि दूधिया मशरूम तैयार होता है। ये मशरूम साल में तीन बार निकलता है। बटन मशरूम चार राउंड में आता है। मिल्की मशरूम का उत्पादन दो राउंड होता है।
जानें कितना होगा लाभ
मशरूम के उत्पादन से लाभ की बात की जाए तो 3 हजार बैग से अभी करीब 2 लाख तक लाभ मिलेगा। लेकिन यदि किसान 5 हजार पॉलिबैग मशरूम लगाते हैं तो उसका लाभ ज्यादा होगा। ये सालाना 5 लाख तक का हो सकता है। आप जितना ज्यादा उत्पादन करेंगे। उतना ज्यादा लाभ भी होगा।
एक बैग को तैयार करने में करीब 60 रुपये की लागत आती है। वहीं एक बैग से करीब 5 से 7 किलो मशरूम का उत्पादन हो जाता है। जिसे कोई भी किसान 800 रुपये से 1 हजार रुपये तक के रेट में सेल कर सकते हैं।