UK में जल्द चुनाव से बढ़ सकती है भारत की टेंशन, FTA का उलझ सकता है खेल
ब्रिटेन में आम चुनाव होने से ठीक एक महीने पहले, यानी की 4 जून को भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों और रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव के नतीजे चाहे कुछ भी हो, द्विपक्षीय संबंधों में खास बदलाव नहीं होगा. लेकिन जो एफटीए समझौता सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार में होने की उम्मीद थी, वो अब चुनाव की घोषणा होने के बाद टल सकती है.
ब्रिटेन और भारत के बीच एफटीए को लेकर बातचीत साल 2022 के शुरुआती महीने में ही हुई थी. इस बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना है. बता दें कि मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच एक साल में करीब 38.1 अरब पाउंड का व्यापार होता है.
विपक्षी दल आगे
अगर बात करें ब्रिटेन में होने वाले चुनाव की तो सर्वेक्षणों में विपक्षी दल लेबर पार्टी आगे दिख रही है. हालांकि, लेबर पार्टी ने भी इस समझौते को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई है लेकिन इसकी समय सीमा को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है. लंदन के थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज यानी IISS में दक्षिण और मध्य एशियाई रक्षा, रणनीति और कूटनीति संबंधी मामलों के वरिष्ठ फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, “ऋषि सुनक ने 4 जुलाई को चुनाव कराने की घोषणा की है. ये हैरान करने वाली बात है. सुनक के इस फैसले के कारण कंजर्वेटिव सरकार द्वारा भारत के साथ बहुप्रतीक्षित एफटीए को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना खत्म हो गई है.”
सुनक की हीर या जीत पर चर्चा
वहीं, ब्रिटेन के थिंक टैंक चैथम हाउस में दक्षिण एशिया, एशिया-प्रशांत कार्यक्रम के वरिष्ठ शोध फेलो डॉ. सी बाजपेयी ने कहा, “ब्रिटेन में चुनाव के नतीजे कुछ भी हो, उसके भारत के साथ संबंधों में निरंतरता होनी चाहिए.” वहीं, चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद राजनीतिक बजारों में ये चर्चा छिड़ी हुई है सुनक को इस बार हार का सामना करना पड़ सकता है.