ED-CBI के रडार पर रहे, फिर भी जीत गए चुनाव…. इस लिस्ट में कौन-कौन है?

पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान ED और CBI जैसी जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े हुए. जांच एजेंसियों ने कई बड़े-बड़े नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया, साथ ही उनसे सवाल-जवाब भी किए. लेकिन हैरानी की बात है कि 4 जून को आए आम चुनाव के परिणामों में, ऐसे कई नेताओं ने जीत दर्ज की, जो ईडी-सीबीआई के रडार पर थे. लोकसभा चुनाव में इन नेताओं ने न सिर्फ जीत, बल्कि बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की है. आइए जानते हैं, कौन हैं लोकसभा के वो बड़े विजेता जो ईडी की जांच के दायरे में हैं?
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में 7 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर से बीजेपी के अभिजीत दास को हराया. शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में TMC नेता अभिषेक बनर्जी ईडी की जांच के दायरे में हैं.
राहुल गांधी – अखिलेश यादव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड, दोनों ही सीटों से चुनाव जीत लिया है. राहुल गांधी रायबरेली से करीब चार लाख वोटों से जीते हैं. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में कमाल करने वाले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी इस लिस्ट में शामिल हैं. इस आम चुनाव में अखिलेश विपक्ष के नायक बनकर उभरे हैं. उन्होंने बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोक दिया. अखिलेश यादव ने कन्नौज से 1.7 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है.
किसके खिलाफ कौन-कौन से मामले दर्ज ?
ईडी ने 2023 में अभिषेक बनर्जी से करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी. वह पश्चिम बंगाल स्कूल जॉब घोटाले में आरोपी हैं. 2022 में ईडी के अधिकारियों ने राहुल गांधी से पांच दिनों तक पूछताछ की थी. उनसे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से कथित संबंधों के लिए पूछताछ की गई थी. बता दें कि, नेशनल हेराल्ड गांधी परिवार द्वारा संचालित एक अखबार है.
राहुल ने केरल के वायनाड से 3.64 लाख और रायबरेली से 3.9 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. अखिलेश यादव अवैध खनन मामले में जांच का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने उन्हें इस साल की शुरुआत में पूछताछ के लिए बुलाया था.
ये नाम भी ED-CBI के दायरे में?
TMC नेता महुआ मोइत्रा भी संसद में सवाल पूछने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने के आरोप में एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. इस मामले के चलते ही उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी. पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से मोइत्रा ने 56,000 से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल की है.
मुंबई पुलिस ने शिवसेना यूबीटी नेता अनिल देसाई से चुनाव लड़ने से कुछ दिन पहले ही पूछताछ की थी. उन्हें यह जवाब देना होगा कि उन्होंने शिवसेना के बैंक खाते से 50 करोड़ रुपये क्यों निकाले. ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी महादेव बेटिंग ऐप मामले में आरोपी बनाया था.

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