बांग्लादेश की हिंसा में फंसे भारतीयों की वापसी शुरू, इतने छात्र लौटे देश
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में बांग्लादेश में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. पूरा देश हिंसा की आग में चल रहा है. हिंसा के मद्देनजर इंटरनेट, मोबाइल और रेल सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गयी है. हिंसा में बांग्लादेश में अब तक 28 लोगों की जान गई है. भारत सरकार पड़ोसी देश में हिंसा पर नजर रखे हुए हैं और बांग्लादेश में फंसे भारतीयों और छात्रों को वापस देश लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
बांग्लादेश में 15000 भारतीय में जिसमें 8500 छात्र हैं. बांग्लादेश से भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है. बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल लाया जा रहा है. रात 8 बजे पहले जत्थे में कुल 245 भारतीयों की स्वदेश वापसी हुई है, जिसमें 125 छात्र शामिल हैं.
अधिकारियों का कहना है कि ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि भारत आने के इच्छुक छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जा सके.
245 भारतीय लौटे देश
भारतीय उच्चायोग बीएसएफ और आव्रजन ब्यूरो के साथ समन्वय करके बांग्लादेश से भारत वापस आने वाले भारतीय छात्रों की सुविधा प्रदान कर रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को कुल 245 भारतीय नागरिकों को पश्चिम बंगाल लाया गया है. इनमें 125 भारतीय छात्र हैं और 13 नेपाली छात्र हैं.
भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बेनापोल-पेट्रापोल, गेदे -दर्शन और अखौरा-अगरतला छात्रों और भारतीय नागरिकों के भारत आने के लिए खुले रहेंगे.
इस बीच, बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर बांग्लादेश में भारत के पूर्व राजदूत हर्ष वी श्रृंगला ने कहा कि ऐसी खबरें देख रहे हैं. कट्टरपंथी छात्र संगठन, जो जमात-ए-इस्लामी का हिस्सा है. विपक्षी बीएनपी है, जो विरोध और प्रदर्शनों में शामिल रही है, जिसने इसमें एक राजनीतिक आयाम जोड़ा है.
उन्होंने कहा कि ऐसे अन्य तत्व भी हो सकते हैं, जो बांग्लादेश के हितों के लिए हानिकारक हैं, जैसे कि आईएसआई का शामिल होना. मेरा मतलब है, ऐसी रिपोर्टें हैं कि यह सही है या नहीं, सरकार को इसका पता लगाने के लिए अपनी जांच करनी होगी, लेकिन लोग स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पूरे मामले को देखने का आश्वासन दिया है.
जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
दूसरी ओर, बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग की ओर से बयान जारी किया गया है. बांग्लादेश में चल रही स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों को स्थानीय स्तर पर यात्रा नहीं करने और आवास में रहने की सलाह दी गई है.
बयान में कहा गया है कि किसी भी तरह की आपात स्थिति या सहायता की आवश्यकता होने पर, कृपया निम्नलिखित 24 घंटे के आपातकालीन नंबरों पर उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोगों से संपर्क करें:
भारतीय उच्चायोग, ढाका
+880-1937400591 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव
+880-1814654797 / +880-1814654799 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही
+880-1788148696 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट
+880-1313076411 (व्हाट्सएप पर भी)
+880-1313076417 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, खुलना
+880-1812817799 (व्हाट्सएप पर भी)
मैत्री और बंधन एक्सप्रेस रद्द
इस बीच, भारतीय रेलवे ने शनिवार को कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस और रविवार को कोलकाता और खुलना के बीच बंधन एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है.
बांग्लादेश में नौकरियों में कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच यह रद्दीकरण किया गया है, जिससे कई स्थानों पर सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है.
परिस्थितियों” का हवाला देते हुए, पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि 13108 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस शनिवार को रद्द रहेगी. 13129/13120 कोलकाता-खुलना बंधन एक्सप्रेस की सेवाएं “रेक की उपलब्धता में अनिश्चितता के कारण” रविवार को रद्द रहेंगी.