अब्बू, मैं कब इंडिया खेलूंगा? सरफराज खान के सवाल पर पिता नौशाद का शायराना अंदाज दिल जीत लेगा

आज सरफराज खान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। हाल ही में टीम इंडिया के लिए अपने डेब्यू मैच में ही तूफानी फिफ्टी ठोककर उन्होंने सनसनी मचा दी थी। सिर्फ तीन मैच पुराने करियर में वह तीन अर्धशतक समेत 200 रन ठोक चुके हैं। उन्हें भारतीय क्रिकेट का अगला सितारा कहा जा रहा है। मगर दाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए सबकुछ इतना आसान नहीं था। लंबे समय तक डोमेस्टिक क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बावजूद उन्हें सीनियर टीम में सिलेक्ट नहीं किया गया। कोई और खिलाड़ी होता तो कब का हार मान चुका होता, लेकिन सरफराज के पीछे उनके पिता नौशाद खान चट्टान की तरह खड़े थे, जो सरफराज के कोच और मेंटॉर भी हैं। सरफराज खान शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉनक्लेव में मौजूद थे, जहां एक सवाल के जवाब में उन्होंने अपने पिता का जिक्र किया।

दरअसल, एंकर ने जब सरफराज से पूछा कि आपके पिता मुश्किल वक्त में आपसे क्या कहते थे, क्या आपको उनकी ऐसी कोई बात याद हैं? जवाब में खचाखच भरे हॉल के सामने युवा क्रिकेटर ने कहा, ‘मैं पूछता था उनसे- अब्बू, मैं कब इंडिया खेलूंगा। हमको कोई सपोर्ट कर रहा है या नहीं कर रहा है। तो वो कहते थे, मैं तुझे सिर्फ एक ही चीज बोलना चाहता हूं। वो भी सिर्फ शायरी में बोलते थे- कभी गिरते तो कभी गिरकर संभलते रहते। बैठे रहने से अच्छा था कि चलते रहते और चलकर हम गैर के कदमों से कहीं के न रहे। खुद के पैरों से चलते तो चलते रहते।’

सरफराज ने आगे कहा कि, ‘उन्होंने मुझसे यही कहा था कि अगर मैं भारत के लिए खेलना चाहता हूं तो मुझे रन बनाने होंगे और यह सोचना होगा कि आप अपने अगले घरेलू मैच में भारत के लिए खेल रहे हैं और वहां भी रन बनाना होगा। इसलिए मेरा केवल एक ही काम था, मैं जहां भी खेलूं वहां रन बनाना।’

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