AC Compressor Blast: एसी इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान दें, वरना बम की तरह फटेगा कंप्रेसर

आजकल जितनी ज्यादा गर्मी, उतना ज्यादा AC का इस्तेमाल और इसी के साथ एयर कंडीशनर से जुड़ी घटनाएं भी बढ़ रही हैं. हाल में यूपी के नोएडा में एक सोसाइटी के फ्लैट में AC में आग लगने का मामला सामने आया है. हालांकि फायर ब्रिग्रेड ने आग पर काबू पा लिया और किसी तरह का बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन कई मामलों में ऐसे हादसे भयावह हो सकते हैं. माना जा रहा है कि ये हादसा कंप्रेसर फटने के कारण हुआ है.
एयर कंडीशनर के इस्तेमाल को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि जरा सी लापरवाही और नतीजा AC में ब्लास्ट जैसी घटना. दरअसल कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान हो, उसका रखरखाव ठीक से नहीं किया जाए तो उसमें खराबी आना आम बात है. लेकिन कभी-कभी ये खराबी बड़ा रूप ले लेती है.
AC के कंप्रेसर में क्यों होता है ब्लास्ट
एयर कंडीशनर (AC) के कंप्रेसर में विस्फोट एक गंभीर घटना है जो जान-माल का नुकसान कर सकती है. यह आमतौर पर कुछ गलतियों और लापरवाहियों के कारण होता है. इसे रोकने के लिए सही देखभाल और मेंटेनेंस बहुत जरूरी है. कंप्रेसर फटने की कुछ वजहें ये हो सकती हैं…

ओवरहीटिंग: ज्यादा टेम्प्रेचर कंप्रेसर के ब्लास्ट की बड़ी वजह हो सकती है. अगर कंप्रेसर लगातार हाई टेम्प्रेचर पर चलता है, तो इसमें आग लगने या विस्फोट की संभावना बढ़ जाती है
मेंटेनेंस में लापरवाही: रेगुलर तौर पर AC की सर्विस और मेंटेनेंस न कराने से कंप्रेसर में धूल, गंदगी और दूसरी तरह का मलबा जमा हो सकता है, जिससे कंप्रेसर पर दबाव बढ़ता है और वह फेल हो सकता है.
गैस लीकेज: कंप्रेसर में रेफ्रिजरेंट गैस का लीकेज होने से भी ब्लास्ट हो सकता है. लीकेज होने पर गैस का प्रेशर असामान्य हो सकता है, जो कंप्रेसर को नुकसान पहुंचा सकता है.
वोल्टेज का उतार-चढ़ाव: लगातार वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से कंप्रेसर की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है और इसे नुकसान पहुंच सकता है, जो आखिर में ब्लास्ट का कारण बन सकता है.
कूलिंग फैन की गड़बड़ी: कंप्रेसर के लिए कूलिंग फैन की सही ढंग से काम न करना भी ओवरहीटिंग और ब्लास्ट का कारण बन सकता है.

कंप्रेसर ब्लास्ट से बचने के तरीके

रेगुलर सर्विस और मेंटेनेंस: अपने AC की नियमित रूप से सर्विस कराएं. इससे कंप्रेसर की सफाई, ऑयलिंग और सभी देखभाल हो सकेगी. तय करें कि हर 6 महीने में या साल में कम से कम एक बार प्रोफेशनल से सर्विस करवाई जाए.
सही वोल्टेज का ध्यान रखें: वोल्टेज स्टेबलाइजर का इस्तेमाल करें ताकि वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से कंप्रेसर को नुकसान न हो.
वोल्टेज की जांच रेगुलर तौर पर करें और तय करें कि वह AC के लिए उपयुक्त हो.
गैस लीकेज की जांच: समय-समय पर रेफ्रिजरेंट गैस लीकेज की जांच कराएं. अगर किसी तरह का लीकेज होता है, तो तुरंत इसे ठीक कराएं. गैस रिफिलिंग भी सर्टिफाइड टेक्नीशियन से ही कराएं.
एयर फिल्टर और कूलिंग कॉइल्स की सफाई: एयर फिल्टर और कूलिंग कॉइल्स को रेगुलर साफ करें. इससे कंप्रेसर पर एक्स्ट्रा प्रेशर नहीं पड़ेगा और यह सही ढंग से काम करेगा.
सही वेंटिलेशन: तय करें कि कंप्रेसर और कंडेंसर यूनिट के आस-पास सही तरीके से वेंटिलेशन हो ताकि यह ओवरहीटिंग से बच सके. कंप्रेसर को सीधे धूप या ज्यादा गर्म जगह पर न रखें.
कूलिंग फैन की जांच: नियमित रूप से कूलिंग फैन की जांच करें और तय करें कि यह सही ढंग से काम कर रहा है. अगर कूलिंग फैन में कोई समस्या हो, तो उसे तुरंत ठीक कराएं.

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