साउथ अफ्रीका दौरे पर रिंकू सिंह और मुकेश कुमार को मिल सकता है मौका, यशस्वी- गायकवाड़ का भी चुना जाना तय!

साउथ अफ्रीका दौरे के लिए वैसे तो अभी टीम इंडिया का सेलेक्शन नहीं हुआ है. लेकिन जब होगा तो इतना तय है कि जिन खिलाड़ियों का हम जिक्र करने जा रहे हैं, उन्हें मौका मिल सकता है. मतलब ये कि रिंकू सिंह, यशस्वी जायसवाल, मुकेश कुमार और ऋतुराज गायकवाड़ इस दौरे पर खेली जाने वाली सीरीज की टीम में अपनी जगह पक्की कर सकते हैं. इन्हें ये मौका क्यों मिल सकता है, ये भी बहुत अच्छे से क्लियर है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू T20 सीरीज में किया इन चारों का धमाकेदार प्रदर्शन इनके साउथ अफ्रीका जाने की वजह बन सकता है.

अब रिंकू, मुकेश, यशस्वी और गायकवाड़ के किए प्रदर्शन पर गौर करें उससे पहले आपको ये बता दें कि भारत का साउथ अफ्रीका दौरा शुरू कब से हो रहा है? और, इस दौरे पर भारत को कितने मैच और सीरीज खेलनी है? तो सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि भारत के साउथ अफ्रीका दौरे की शुरुआत 10 दिसंबर से हो रही है. ये दौरा T20 सीरीज से शुरू होगा और टेस्ट सीरीज पर जाकर खत्म होगा. इस दौरे पर भारतीय टीम को 3 T20I, 3 वनडे और 2 टेस्ट की सीरीज खेलनी है.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20 सीरीज में छाए हैं ये खिलाड़ी

चलिए अब बात करते हैं रिंकू, मुकेश, यशस्वी और गायकवाड़ के उस प्रदर्शन की, जिसके दम पर उन्हें साउथ अफ्रीका में अपने नाम का झंडा बुलंद करने का मौका मिल सकता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी 5 मैचों की T20 सीरीज के पहले 3 मुकाबले खेले जा चुके हैं, जिसमें ऋतुराज और यशस्वी खुद को भारत की नई ओपनिंग जोड़ी के तौर पर स्थापित करते दिखे हैं और रिंकू सिंह ने खुद की पहचान एक मैच फीनिशर के तौर पर बनाई है.

ऋतुराज को क्यों ना मिले मौका?

ऋतुराज गायकवाड़ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20 सीरीज में अब तक सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उन्होंने 1 शतक, 1 अर्धशतक और 181 की स्ट्राइक रेट के साथ 181 रन बनाए हैं. ये तो बात हो गई सिर्फ एक T20 सीरीज की. क्रिकेट के इस फॉर्मेट में अगर आप 26 साल के इस बल्लेबाज के T20 करियर का स्ट्राइक रेट भी देखें तो वो भी 144.47 का है, जिसे कहीं से भी खराब नहीं आंका जा सकता.

यशस्वी का भी यश फैल रहा है!

आते हैं यशस्वी जायसवाल पर. साउथ अफ्रीका दौरे पर होने वाली T20 सीरीज में अगर इन्हें भी मौका मिलता है तो हैरानी नहीं होगी. क्योंकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले 3 T20 मैचों में उन्होंने 205.12 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. यशस्वी जायसवाल का T20 करियर स्ट्राइक रेट भी 170.49 का है, जो कि उनके विस्फोटक मिजाज और आक्रामक अप्रोच का बखान करता है.

रिंकू की ये आदत बनेगी भारत की ताकत!

रिंकू सिंह. ये नाम तो खैर इस वक्त हिंदुस्तान की हर जुबान पर चढ़ा है. और, इसकी वजह है उनका मैच फीनिशर के तौर पर उभरकर आना. मैच के अंतिम लम्हों में रिंकू को छक्के-चौके लगाने की आदत है और अपनी इसी आदत से वो भारत की बड़ी ताकत बनते दिख रहे हैं. 5वें-छठे नंबर पर उतरकर खेलने वाले रिंकू सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक खेली 2 पारियों में 230.43 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. उनका बैटिंग स्ट्राइक रेट इस सीरीज में खेल रहे सभी खिलाड़ियों से बेहतर है, फिर चाहे वो भारत के हों या ऑस्ट्रेलिया के.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की कप्तानी कर रहे सूर्यकुमार यादव ने रिंकू सिंह की मैच फीनिश करने की काबिलियत को देखकर तो ये तक कह दिया कि वो उन्हें किसी की याद दिलाते हैं. यहां सूर्यकुमार का इरादा एमएस धोनी की ओर था. ऐसा नहीं है कि रिंकू ने सिर्फ मौजूदा सीरीज में ही खुद की क्षमता को दिखाया है. ऐसा वो लगातार मौका मिलने पर करते आ रहे हैं. ऐसे में सेलेक्टर्स T20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले साउथ अफ्रीका में उन्हें आजमाने की पूरी कोशिश कर सकते हैं.

साउथ अफ्रीका में क्या वनडे और टेस्ट खेलेंगे मुकेश कुमार?

तेज गेंदबाज मुकेश कुमार के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20 सीरीज कुछ खास नहीं रही है. शुरुआती 2 मैच खेलकर वो सिर्फ 1 विकेट ही ले सके हैं, वो भी 9 की इकॉनमी से. लेकिन, T20 सीरीज से ज्यादा साउथ अफ्रीका दौरे पर उनके वनडे या टेस्ट सीरीज की टीम में चुने जाने की संभावना है. क्रिकेट के दोनों लंबे फॉर्मेट में उनका डेब्यू इसी साल वेस्टइंडीज दौरे पर देखने को मिला था, जहां उन्होंने गेंद से अच्छी छाप छोड़ी थी. मुकेश कुमार ने अब तक खेले 3 वनडे में 17.25 की औसत और 4.60 की इकॉनमी के साथ 4 विकेट लिए हैं. वहीं भारत के लिए अब तक खेले एक टेस्ट में उन्होंने 2 विकेट चटकाए हैं.

विकेट निकालने की काबिलियत के अलावा मुकेश कुमार की ताकत डेथ ओवर्स में कसी गेंदबाजी करना रही है. और, ये बात भारतीय सेलेक्टर्स से भी छिपी नहीं है. मुकेश कुमार को साउथ अफ्रीका दौरे के लिए मौका दिए जाने की एक वजह सीनियर गेंदबाजों को आराम देना भी रह सकता है. मुकेश को अगर उस तरह का चांस मिलता है तो वो यकीनन उसे दोनों हाथों से लपकना चाहेंगे.

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