आगरा: NSUI-ABVP छात्र गुटों में मारपीट, थाने में चले लात घूंसे, जिलाध्यक्ष समेत 35 पर केस

एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठन के दोनों गुटों में शुक्रवार शाम को हिंसक झड़प हो गई। दोनों गुटों में जमकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार चले। तमंचे की बटे भी मारी गईं। इस मारपीट में कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस ने पीड़ित छात्रों की तहरीर और एसएसआई की तहरीर पर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष समेत 11 नामजद और 35-40 अज्ञातों पर धारा 307 समेत कई गंभीर मामलों में केस दर्ज किया है। ये एफआईआर दो अलग-अलग थानों में दर्ज की गई है।

घटनाक्रम डॉ. भीमरावा आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस का है। छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई आपसी विवाद को लेकर आमने सामने आ गए। दोनों गुटों में कैंपस लाठी-डंडे, तलवार और असलाह लेकर जमकर मारपीट हुई। एक गुट ने जब दूसरे गुट की पीट डाला। आरोप है कि इसके बाद कौशिक नामक गुट अपने साथ एबीवीपी के छात्रनेताओं को ले आया। उन्होंने चाय की दुकान पर बैठे एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सतीश सिकरवार, कुलदीप दीक्षित और ऋषि सिसोदिया को जमीन पर गिरा-गिराकर पीटा। इस मारपीट में सतीश, कुलदीप और ऋषि घायल हो गए।

सीमा विवाद में उलझाने का आरोप

सतीश ने बताया कि जब वह अपनी शिकायत लेकर न्यू आगरा थाना पहुंचा तो वहां से उसे हरीपर्वत भेज दिया गया। जब हरीपर्वत गए तो वहां पहले से मौजूद कौशिक गुट के छात्रों ने सतीश और अन्य के साथ मारपीट की। इस संबंध में सतीश ने थाना हरीपर्वत में तहरीर दी है। मगर उसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है, जबकि थाना न्यू आगरा में अनिल तोमर की तहरीर पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सतीश सिकरवार, राजन ठाकुर, कुलदीप दीक्षित, ऋषि सिसोदिया, धर्मेंद्र बघेल, अकाश उर्फ अंकी,आलोक गौतम, मोहित गौतम, शिव प्रताप, अभिषेक चौधरी, मुकुल यादव समेत 8 अज्ञात पर केस दर्ज किया है। अनिल तोमर का आरोप है कि उक्त लोगों ने उसके और उसके मित्र आकाश कुमार के साथ कैंपस में मारपीट की थी।

पुलिस पर पैरवी का आरोप

एनएसयूआई के छात्रनेताओं का कहना है कि पुलिस सत्ता पक्ष के दवाब में आ गई है। खंदारी कैंपस में एनएसयूआई के छात्रनेताओं का कोई विवाद नहीं हुआ था। कौशिक गुट का किसी अन्य गुट से विवाद चल रहा है। सतीश को बिना मतलब के पीटा गया है, उसके सिर पर तमंचे की बट से प्रहार किया गया है। इससे उसका सिर फट गया है, उसके हाथ और पीठ पर चोट के निशान हैं। पुलिस ने सतीश की तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया है। बल्कि सत्ता पक्ष के दवाब में आकर सतीश के खिलाफ ही धारा 307 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।

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