एयरपोर्ट: एक गलती बनी मुसाफिरों के लिए मुसीबत, टिकट बुकिंग के समय हुई थी चूक, अब भटक रहे काउंटर-काउंटर
एक छोटी-सी चूक कई बार मुसाफिरों के लिए बड़ी मुसीबत की वजह बन जाती है. दिल्ली एयरपोर्ट पर आजकल कुछ ऐसा ही हो रहा है. आजकल एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बहुत सारे मुसाफिरों की यह शिकायत होती है कि विमान के डिले, रिशेड्यूल और कैंसिलेशन के बारे में उन्हें सूचना दी ही नहीं गई. जबकि एयरलाइंस का यह दावा होता है कि उन्हें समय पर इस संबंध में मैसेज भेजा गया था.
इसी बात को लेकर कई बार मुसाफिरों का गुस्सा सांतवें आसमान तक पहुंच जाता है. वहीं जब मैसेज न मिलने की वजह पता चलती है, तब मुसाफिरों के पास ‘सॉरी’ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. दरअसल, ये सभी वे मुसाफिर होते हैं, जो अपने टिकट किसी ट्रैवल एजेंट से बुक कराते हैं. कुछ ट्रैवेल एजेंट एयरलाइन प्वाइंट्स के लालच में मुसाफिर की जगह अपना मोबाइल नंबर टिकट बुकिंग डाल देते हैं.
निजी एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैवल एजेंट की इस हरकत की वजह से एयरलाइंस की तरफ से जो भी मैसेज भेजे जाते हैं, वह सही मुसाफिर की जगह ट्रैवल एजेंट के पास पहुंचते हैं और उड़ान में होने वाले किसी भी बदलाव के बारे में मुसाफिरों को पता नहीं चल पता है. ऐसे में, सभी मुसाफिरों को सलाह दी है कि टिकट बुकिंग के दौरान यह सुनिश्चित कर लें कि ट्रैवल एजेंट ने उसी शख्स का ई-मेल और मोबाइल नंबर डाला है, जिसके नाम से टिकट बुक किया गया है.
कैंसिलेशन और डिल पर 4 लाख मुसाफिरों ने लिया अपना हक डीजीसीए के अनुसार, बीते महीने डिले, कैंसिलेशन और डिनायड बोर्डिंग का सामना करने वाले करीब 4 लाख मुसाफिरों ने अपना हक एयरलाइंस से लिया है. दरअसल, डिले, कैंसिलेशन और डिनायड बोर्डिंग की स्थिति में एयरलाइंस के कुछ दायित्व है और उन्हें इसके लिए यात्रियों को हर्जाने का भुगतान करना पड़ता है.
दिसंबर के महीने में करीब 1935 मुसाफिरों को डिनाएड बोर्डिंग के चलते 173 लाख रुपए का हर्जाना एयरलाइंस ने भरा है. वहीं, कैंसिलेशन पर 35382 मुसाफिरों को करीब 105 लाख और 3.64 लाख मुसाफिरों को 544 लाख रुपए हर्जाना एयरलाइंस ने दिया है.