कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर यूपी में अलर्ट जारी, मरीजों की होगी RT PCR, केजीएमयू भेजे जाएंगे सैंपल

कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर यूपी में अलर्ट जारी, मरीजों की होगी RT PCR, केजीएमयू भेजे जाएंगे सैंपल

देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते केसों और वायरस के नये स्ट्रेन जेएन.1 (बीए.2.86.1.1) का पहला केस मिलने के बाद यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को शुक्रवार को इस संबंध में शासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए। अस्पतालों में भर्ती होने वाले सभी इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीनियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) रोगियों की अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। जांच पॉजिटिव आने पर उसकी जानकारी सभी स्टेक होल्डरों संग साझा करने के साथ ही सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

आगामी त्योहारों और नये साल के चलते कोरोना का प्रसार रोकने के लिए खास सतर्कता बरतने को कहा गया है। कोरोना की संभावित वृद्धि रोकने के लिए अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले खांसी, जुकाम, बुखार के रोगियों को श्वसन संबंधी शिष्टाचार के पालन के लिए प्रेरित किया जाए। आईएलआई के रोगियों की संख्या में अधिक वृद्धि होने या ऐसे रोगियों का क्लस्टर मिलने की स्थिति में तत्काल इसकी सूचना जिला मुख्यालय को देनी होगी। इसके लिए फ्रंटलाइन वर्करों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ऐसे सभी रोगियों की कोविड-19 जांच कराई जाएगी। आरटीपीसीआर जांच में कोविड पॉजिटिव मिलने वाले रोगियों को नमूनों को केजीएमयू के माइक्रोबायलॉजी विभाग को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। आईएलआई व एसएआरआई के सभी केसों को जिले की चिकित्सा इकाइयों द्वारा नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा ताकि केसों की बढ़ती दर को चिन्हित किया जा सके।

हर केस की निजी अस्पतालों को भी देनी होगी जानकारी

खास बात यह है कि सभी निजी अस्पतालों को भी एसएआरआई के रिगोयं की आरटीपीसीआर जांच करवाते हुए रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग भी कराई जाए ताकि किसी नये वेरिएंट का समय से पता किया जा सके। तैयारियों के लिए आयोजित होने वाली ड्रिल में सरकारी के साथ ही निजी स्वास्थ्य संस्थानों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के सचिव रंजन कुमार द्वारा इस संबंध में शुक्रवार को सभी मंडलायुक्त, डीएम, अपर निदेशक, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सभी सीएमओ व सीएमएस को निर्देश जारी किए गए हैं।

 

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