इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्रा ने प्रोफेसर पर लगाया रेप का आरोप, ब्लैकमेलिंग की बात कही!
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) की एक छात्रा ने अपने असिस्टेंट प्रोफेसर पर रेप (Rape Case) के आरोप लगाए हैं. पुलिस ने बताया कि पीड़िता यूनिवर्सिटी में BA थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही है.
वहीं, आरोपी की पहचान अजय कुमार सागर के तौर पर हुई है. वो प्राचीन इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम करता है. आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है.
कर्नलगंज के ACP राजीव कुमार यादव नेNDTV को बताया कि शिकायत के मुताबिक, आरोपी अजय सागर ने पहले कथित तौर पर छात्रा को प्रपोज किया था, जिसे उसने ठुकरा दिया, इसके बावजूद वो उसे फोन और मैसेज करता था. ACP ने बताया कि आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376 (रेप) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
घटना से जुड़ा एक वीडियो और शिकायत वाला लेटर सामने आया है. वीडियो में पीड़िता कह रही है,
प्राचीन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अजय कुमार सागर ने मेरे साथ जबरन यौन उत्पीड़न किया है. मुझे धमकी दी कि अगर मैंने किसी को बताया तो मेरे लिए अच्छा नहीं होगा. मैंने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन मुझे तीन-चार दिनों तक घुमाया गया.
यूनिवर्सिटी के विभागाध्यक्ष को लेटर में लिखा है,
सेकेंड ईयर में अजय कुमार ने मुझे प्रेम प्रस्ताव दिया था जिसे मैंने मना कर दिया. लेकिन वो तब भी मैसेज और कॉल करते थे. उन्होंने मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया और बताया कि उन्हें कैंसर है. 15 जनवरी की शाम को उन्होंने एक पार्क में बुलाया. जब मैंने जाने के लिए मना किया तो उन्होंने आत्महत्या करने की धमकी दी. वो वहां से मुझे अपने कमरे पर लेकर गए और जबरन शारीरिक संबंध बनाए.
ऐसा ही एक लेटर थाना कर्नलगंज के प्रभारी निरिक्षक को भी लिखा गया है.
‘मुझे बदनाम करने की साजिश’
आरोपी अजय सागर ने दैनिक भास्कर से साथ बातचीत में दावा किया है कि ये सब पूरी तरह से फेक है. आरोपी ने कहा कि छात्रा के जीजा ने उसके साथ रेप किया है जिसकी जानकारी उसके घरवालों को नहीं है. दावा किया कि उनके पास सबूत भी हैं. बोले कि ये उन्हें बदनाम करने की साजिश है.
मामले में ABVP और AISA से जुड़े छात्र पीड़िता के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने आरोपी को सस्पेंड करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. खबर है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है.