अंबेडकर के प्रेरणाभूमि स्मारक पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, कहा- ‘देश के लोगों का मौलिक मार्गदर्शन किया’
भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर भारतीय इतिहास के एक युगपुरुष के तौर पर देखा जाते हैं. फिर बात चाहे भारतीय संविधान की रचना की हो या शोषण मुक्त समाज की नींव रखना, बाबा अम्बेडकर हमेशा से मार्गदर्शक के तौर पर आगे रहे हैं. आज के युग में भी अम्बेडकर प्रासंगिक माने जाते हैं. उनकी बातें आज भी लोगों को प्रोत्साहित करती हैं.
इसी बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी एक कार्यक्रम में पहुंचे. उन्होंने अम्बेडकर पर कई अहम बातें कहीं. भागवत ने कहा, संविधान के माध्यम से अम्बेडकर ने देश के लोगों का मौलिक मार्गदर्शन किया. उन्होंने बताया कि समानता और स्वतंत्रता को देश की एकता के साथ कैसे जोड़ा जाना चाहिए.
बाबा साहेब अंबेडकर के प्रेरणा भूमि स्मारक का दौरा करने के बाद भागवत ने कहा, हमें बाबा साहेब अंबेडकर से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बेहद खूबसूरत राष्ट्रीय स्मारक है जिसे हर किसी को देखने की जरूरत है. इस खास मौके पर भागवत ने डॉ. अंबेडकर के जीवन के दौरान उपयोग की गई विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनी भी देखी. स्मारक की निदेशक संजीवनी मुजुमदार और विद्या येरवडेकर ने उन्हें स्मारक के बारे में जानकारी दी.
मोहन भागवत ने दी शुभकामनाएं
इस स्मारक की वास्तुकला को मुजुमदार परिवार द्वारा खूबसूरती से संरक्षित और प्रस्तुत किया गया है. सरसंघचालक मोहन भागवत ने इसके लिए मुजुमदार परिवार को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि ये स्मारक डॉ. अंबेडकर से जुड़ी असंख्य यादें संजोए हुए है. प्रत्येक भारतीय को इस स्मारक को जरूर देखना चाहिए और इससे प्रेरणा लेनी चाहिए. इस मौके पर बोलते हुए डॉ. मुजुमदार ने स्मारक के निर्माण से जुड़े अपने संस्मरण भी सुनाए.
कौन-कौन रहा मौजूद ?
इस खास मौके पर वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. जी.बी. डेगलुरकर, डॉ. एस.बी. मुजुमदार, संजीवनी मुजुमदार, डॉ. विद्या येरवाडेकर, आरएसएस पुणे महानगर संघचालक रवींद्र वंजरवाडकर, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता के.डी. जोशी, कश्यपदादा सालुंखे, किशोर खरात, वेणु साबले, क्षितिज गायकवाड़, संघर्ष गवले, विजय कांबले, शरद शिंदे आदि उपस्थित थे.