अमेरिका ने ड्रैगन पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- छिपकर यूक्रेनी लोगों के खिलाफ रूस की मदद कर रहा चीन
रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। इस जंग के थमने का आसार दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है। इस बीच अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह अपने शब्दों के उलट जाकर रूस की मदद कर रहा है।
चीन हमेशा ही दावा करता है कि यूक्रेन-रूस युद्ध पर वह हमेशा निष्पक्ष रहा है। हालांकि, इन सबके बावजूद बीजिंग यूक्रेनी लोगों के खिलाफ मॉस्को की मदद कर रहा है।
सबूतों के सामने चीन के दावे हास्यास्पद
चीन जितनी तेजी से रूस की मदद कर रहा है, उतने ही तत्परता से बयानबाजी भी कर रहा। चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने पिछले साल दावा किया था कि सेना से जुड़ी चीजों के निर्यात के लिए, चीन ने हमेशा एक विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाया है। हालांकि, इस तरह के बयान सबूतों के सामने हास्यास्पद हैं, जो कुछ और ही बयां करते हैं।
मध्य पूर्व में संकट बढ़ता दिख रहा है। ईरान ने इस्राइल पर हमला कर दिया, जिससे दो कट्टर दुश्मन देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट के संकेतों के बीच कुछ सलाह दे रहे हैं कि चीन को वहां भी मध्यस्थता करने में मदद करनी चाहिए।
दुनिया इस भ्रम में रहना कब बंद करेगी
वाशिंगटन डीसी स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट में काउंटरिंग फॉरेन ऑथोरिटेरियन इन्फ्लुएंस के वरिष्ठ सलाहकार जे माइकल कोल ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से चीन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के साथ काम नहीं किया है। यहां तक कि उसने उत्तर कोरिया का साथ भी नहीं दिया। दुनिया इस भ्रम में रहना कब बंद करेगी कि बीजिंग शांति के लिए भागीदार होगा?’
चीन गुप्त रूप से धीरे-धीरे समर्थन बढ़ा रहा
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने खुफिया जानकारी का खुलासा करते हुए दावा किया कि चीन रूस की सेना को फिर से खड़े होने में मदद कर रहा है। व्लादिमीर पुतिन द्वारा कीव पर हमले किए जाने के बाद चीन गुप्त रूप से धीरे-धीरे समर्थन बढ़ा रहा है। यह रूस के रक्षा औद्योगिक आधार के पुनर्निर्माण से कमियों को दूर करने में मदद कर रहा है। दरअसल, इस बात की चिंता है कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से रूस अब अपने सबसे बड़े सैन्य-औद्योगिक विस्तार को प्राप्त कर रहा है। उदाहरण के लिए, अमेरिकी यूरोपीय कमान के कमांडर जनरल क्रिस कैवोली ने हाल ही में गवाही दी थी कि रूस अपनी सेना को आसानी से फिर खड़ा करने में काफी हद तक सफल रहा। वास्तव में इसकी क्षमता काफी हद तक वापस बढ़ी है।
बाइडन ने की थी शी जिनपिंग से बात
राष्ट्रपति जो बाइडन ने दो अप्रैल को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फोन पर बात की थी और इस मुद्दे को उठाया था। इस दौरान बाइडन ने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के समर्थन पर चिंता जताई थी।
रूस की ताकत बढ़ाने में चीन का हाथ
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने अब एक बार फिर आरोप लगाया है कि रूस के रक्षा उद्योग में बढ़ोत्तरी होने पर चीन काफी हद तक जिम्मेदार है। एक उदाहरण के रूप में, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप मिलकर कर सकते हैं, वो अब मॉस्को अकेला कर सकता है। रूस अब तीन गुना तोपखाने गोला-बारूद का उत्पादन करने में सक्षम है
ड्रोन बनाने के लिए काम कर रहे
पिछले हफ्ते, अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसा ही कुछ खुलासा किया था जिससे साफ था कि चीन समर्थन दे रहा है। उदाहरण के लिए, चीनी और रूसी समूह रूस के अंदर संयुक्त रूप से ड्रोन बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने क्रूज मिसाइल और ड्रोन इंजन के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण के लिए आवश्यक मशीन टूल्स का भी उल्लेख किया। मॉस्को यूरोप से अपने मशीन टूल्स प्राप्त करता था, लेकिन प्रतिबंधों ने उस रास्ते को बंद कर दिया। हालांकि इसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता मिल गए है।