अमेरिकी यूनिवर्सिटी ने खतरा बताकर मुस्लिम लड़की का भाषण किया कैंसिल, बाइडेन अब फ्री स्पीच पर क्या ज्ञान देंगे?
California university cancels Muslim valedictorian’s speech: अमेरिका अकसर फ्री स्पीच पर दुनिया को ज्ञान देता रहता है, खासकर फ्री स्पीच को लेकर भारत के आंतरिक मामलों में टांग घुसाने की कोशिश करता रहता है, लेकिन सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर खुद अमेरिका फ्री स्पीच का दम घोंटता रहता है।
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था को खतरा बताकर एक मुस्लिम लड़की के समापन भाषण को रद्द कर दिया है। जिसके बाद लड़की ने आरोप लगाया है, कि “मानवाधिकारों पर उसके विचारों के लिए फिलिस्तीन विरोधी नफरत से उसे चुप कराया जा रहा है।”
मुस्लिम लड़की का भाषण रद्द क्यों?
यूनिवर्सिटी प्रोवोस्ट (विश्वविद्यालय प्रमुख) एंड्रयू गुजमैन ने सोमवार को एक बयान में कहा, कि अगले महीने आयोजित होने वाले स्नातक समारोह के दौरान पारंपरिक समापन भाषण में लड़की के भाषण को रद्द करने के फैसला का “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से कोई लेना-देना नहीं है” और इसका मकसद सिर्फ यूनिवर्सिटी परिसर की सुरक्षा की रक्षा करना है।
जिस मुस्लिम लड़की के भाषण को रद्द किया गया है, उसका नाम असना तबस्सुम है, जो विश्वविद्यालय में वेलेडिक्टोरियन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की छात्रा है और उसने अपने भाषण को रद्द किए जाने के यूनिवर्सिटी के फैसले पर सवाल उठाया है। उसने आरोप लगाते हुए सवाल पूछा है, कि “क्या यूनिवर्सिटी ने बोलने के लिए मेरे निमंत्रण को रद्द करने का निर्णय पूरी तरह से सुरक्षा के आधार पर लिया है?”
हालांकि, गुजमैन के बयान में तबस्सुम का नाम नहीं लिया गया है और इस बात की भी जानकारी नहीं दी गई है, कि लड़की ऐसा क्या भाषण देने वाली थी, जिससे कैंपस की सुरक्षा को खतरा हो सकता था, या फिर लड़की का क्या ऐसा पॉलिटिकल बैकग्राउंड है, या फिर उसके क्या राजनीतिक विचार हैं, जिससे सुरक्षा चिंताएं पैदा हो गई हैं। इसके अलावा, किसी और तरह के विशेष खतरे के बारे में भी यूनिवर्सिटी ने कोई जानकारी नहीं दी है।
हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रोवोस्ट एंड्रयू गुजमैन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, कि “सोशल मीडिया और मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष दोनों के कारण भावनाओं की तीव्रता बढ़ गई है, जिसमें यूनिवर्सिटी के बाहर की कई आवाजें भी शामिल हो गई हैं और ये कैंपस की सुरक्षा को पर्याप्त जोखिम तक बढ़ा रही हैं।”
अमेरिका में मुस्लिम-यहूदी नफरत बढ़ा!
आपको बता दें, कि अमेरिका में सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों और नागरिक अधिकार अधिवक्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में मुसलमानों, यहूदियों, अरबों और फिलिस्तीनियों के खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि की रिपोर्ट दी है। इसके साथ कहा गया है, कि 7 अक्टूबर को हमास के दक्षिणी इजराइल में हमला कर खून खराबा मचाने और उसके बाद इजराइल की खतरनाक प्रतिक्रिया ने विश्वविद्यालयों और कॉलेक कैंपस में भी तनाव को काफी बढ़ा दिया है।
तबस्सुम के अनुसार, जिन्होंने खुद को “पहली पीढ़ी की दक्षिण एशियाई-अमेरिकी मुस्लिम” बताया है, उन्होंने कहा, कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 14 अप्रैल की बैठक में उनके साथ विश्वविद्यालय के सुरक्षा मूल्यांकन को लेकर रिपोर्ट शेयर करने से इनकार कर दिया। वहीं, यूनिवर्सिटी, जो एक इंटरकॉलेजिएट एथलेटिक कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी फुटबॉल और अन्य टीमों को ट्रोजन के रूप में जाना जाता है, उसने आगे की टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया।
जबकि, छात्रा तबस्सुम ने आरोप लगाया है, कि यूनिवर्सिटी “डर पैदा कर रही है और नफरत को बढ़ावा दे रही है।” उसने कहा, कि ऐसा “मुस्लिम विरोधी और फिलिस्तीन विरोधी आवाजों” की तरफ से किया जा रहा है और “सभी के लिए मानवाधिकारों में मेरे अटल विश्वास के कारण” उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, तबस्सुम ने भी यह नहीं बताया, कि क्या उनका भाषण गाजा युद्ध पर आधारित था?
आपको बता दें, कि तबस्सुम को करीब 100 आवेदकों में से वेलेडिक्टोरियन चुना गया था, जिसमें 200 से ज्यादा स्नातक छात्रों ने समापन भाषण देने के लिए अर्जी दी थी।
आपको बता दें, कि यूनिवर्सिटी से इस साल करीब 19 हजार छात्र पासऑउट होने वाले हैं और उनके ही सम्मान में समापन कार्यक्रम रखा गया है। 10 मई से इसका अभ्यास शुरू होगा और यूनिवर्सिटी के डाउनटाउन लॉस एंजिल्स कैंपस में 65,000 लोगों के आने की उम्मीद है, जिसे लंबे समय से कैलिफोर्निया के सबसे प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।