साल के पहले भौम प्रदोष व्रत पर बन रहा शुभ संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है. मंगलवार के दिन पड़ने पर इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस साल पहले भौम प्रदोष व्रत पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे है. ऐसे में इस दिन व्रत करना बहुत ही लाभकारी होगा. आइए जानते हैं कि इस दिन के व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
भौम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना की जाती है. यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. माना जाता है कि जो भी इस व्रत को करता है. उसके सभी दुख- दरिद्रता दूर हो जाते हैं. जीवन सुख- समृद्ध से भरपूर और कष्ट मुक्त हो जाता है. अविवाहितों के विवाह के योग बनते हैं और सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है.
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त और तिथि
पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी को रात 11 बजकर 58 मिनट शुरू होगी और अगले दिन मंगलवार 9 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी. मुख्य रूप से इस इस व्रत को करने की तिथि 9 जनवरी 2024 है. इसी दिन साल की पहली मासिक शिवरात्रि भी है. मान्यता है कि भगवान शिव के साथ अगर हनुमान जी की भी पूजा करी जाए तो नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
प्रदोष व्रत पूजा की विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनना चाहिए. मंदिर की साफ-सफाई कर लें. सर्वप्रथम शिवलिंग पर गंगाजल से विधिपूर्वक जलाभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर फूल, भांग, बेलपत्र चढ़ाएं. दीपक जलाकर आरती करें और भगवान शिव को भोग लगाकर प्रसाद बांटे.
इस दिन भूलकर भी न करें ये काम?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जहां शिव की पूजा करना फलदायक माना जाता है. वहीं, कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें करने से आपको हानि हो सकती है. इसलिए इन कार्यो को करने से बचें ताकि आप अपनी व्रत पूजा का पूरा फल पा सकें. इस व्रत को करते समय भूलकर भी काले या इससे मिले-जुले वस्त्र धारण न करें. तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मसूर, उड़द, तंबाकू और मदिरा का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए. किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें और क्रोध करने से बचें.