PHOTOS: यूएई के हिंदू मंदिर और अयोध्‍या के राम मंदिर में क्‍या है कॉमन, मुस्लिम देश में इसे किसने बनवाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 14 फरवरी 2024 को अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. मंदिर आम लोगों के लिए 18 फरवरी से खोल दिया जाएगा. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था हिंदू मंदिर यानी बीएपीएस मंदिर संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर है. ये मंदिर भगवान स्‍वामीनारायण को समर्पित है.

बीएपीएस मंदिर पत्थर की वास्तुकला के साथ बड़े इलाके में फैला खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है. ये मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. इसमें 13 एकड़ से ज्‍यादा क्षेत्र में मंदिर बनाया गया है. वहीं बाकी बची जमीन पर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग एरिया बनाया गया है. इस मंदिर का निर्माण 2019 में शुरू किया गया था.

संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई सरकार ने बीएपीएस मंदिर के लिए जमीन दान दी थी. यूएई में तीन हिंदू मंदिर और हैं, जो दुबई में हैं. बीएपीएस मंदिर अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर है. ये मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर है. मंदिर को बनाने में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसमें करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है.

मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए संगमरमर का इस्‍तेमाल किया गया है. मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है. मंदिर की भव्यता का अंदाजा सामने आई इसकी तस्वीरों से लगाया जा सकता है. नक्काशी कर तराशे गए पत्थरों का इस्‍तेमाल मंदिर में किया गया है. इन पर हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं.

मंदिर को भव्य बनाने के लिए राजस्थान में पत्थरों पर नक्काशी की गई है. मंदिर का निर्माण जयपुर के पिंक सैंड स्टोन से हुआ है. यह वही पत्थर है, जिससे अयोध्या में राममंदिर बनाया गया है. संगमरमर से बने मंदिर के हर स्तंभ पर हनुमान जी, राम जी, सीता जी, गणेश जी की प्रतिमाएं उकेरी गई है. मंदिर के बाहरी स्तंभों पर सीता स्वयंवर, राम वनगमन, कृष्ण लीलाएं शामिल हैं.

अबू धाबी में बना ये हिंदू मंदिर काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर से भी बड़ा है. मंदिर के मध्य में स्वामी नारायण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. भारत और यूएई की संस्कृतियों का संगम दिखाने के लिए मंदिर में 7 मीनारें भी बनाई गई हैं. मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए 300 से ज्‍यादा हाईटेक सेंसर्स लगाए गए हैं.

मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का इस्‍तेमाल नहीं किया गया है. नींव भरने के लिए फ्लाई ऐश का इस्‍तेमाल किया गया है. मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है. बीएपीएस मंदिर बहुत ही भव्य और विशाल है. इसमें दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की झलक देखने को मिल रही है.

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