UP के बिजली विभाग के सामने आई एक और बड़ी आपदा, अब बिल वसूलने में आ रही है ये समस्या

बिजली निगम ने सहूलियत के लिए कनेक्शन के साथ उपभोक्ताओं के केवाईसी तो कर दी, लेकिन जब विभाग उस सहूलियत का फायदा लेकर बकाएदार उपभोक्ताओं के फोन नंबर पर कॉल कर रहा है तो आधे नंबर गलत मिल रहे हैं।

ऐसे में निगम के कर्मचारी दफ्तर छोड़कर उपभोक्ताओं के घरों के चक्कर काट रहे हैं। फोन घुमाओ अभियान के तहत बिजली निगम अपने बकाएदार उपभोक्ताओं को कॉल करके तगादा करने का प्रयास कर रहा है।

बिजली निगम ने बकाएदारों को कॉल करना शुरू किया तो आधे मोबाइल नंबर फर्जी निकले। रोजाना बिजली निगम के कर्मचारी जब कॉल करने बैठते हैं तो नाकामी ही हाथ लगती है।

फोन तो मिलते हैं लेकिन बिजली उपभोक्ता के पास नहीं। उपभोक्ता का नंबर मिलने पर फोन या तो बंद आ रहा है या किसी और शहर का नंबर मिल रहा है। ऐसे में विभागीय कर्मचारी अपना ही माथा पीटने को मजबूर हो रहे हैं। नंबर न मिलने पर कर्मी दफ्तर छोड़ उपभोक्ताओं के घर-घर तगादा करने को मजबूर हैं।

बिजली विभाग ने नंबर जांचे बिना की केवाईसी

उपभोक्ताओं को मीटर कनेक्शन देते वक्त व पुराने कनेक्शन में नंबर रजिस्टर्ड करते वक्त निगम ने गलत नंबर से ही केवाईसी कर डाली। कई नंबर की केवाईसी गलत होने के बाद विभाग अब अपनी गलती सुधारने में लगा है। कर्मी उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर नंबर अपडेट कर रहे हैं।

राजस्व व्यवस्था बेहतर करने को फोन घुमाओ मुहिम चल रही

उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लि. की पश्चिमांचल जोन की एमडी चैत्रा वी ने राजस्व व्यवस्था को बेहतर करने के लिए फोन घुमाओ अभियान की पहल शुरू की थी। सितंबर के पहले सप्ताह में शुरू हुए अभियान में 10 हजार से अधिक रुपये के बकाएदार उपभोक्ताओं को कॉल करके तगादा किया जाना था।

इसमें शहर की तीन डिवीजन में लगभग 22 सौ से अधिक ऐसे उपभोक्ता थे, जिनका बकाया बिजली बिल 10 हजार रुपये से अधिक है। इसलिए कर्मी बिल जमा को तगादा कर रहे हैं।

कुछ उपभोक्ता बना रहे बहाना

बकाया चुकाने से भी उपभोक्ता कतरा रहे हैं। निगम द्वारा नंबर डायल किया जा रहा है तो कुछ बहाना बनाकर कह रहे हैं कि यह नंबर गलत है। तो कुछ उपभोक्ता अपने घर के बच्चों से बात कराकर बहाने दे रहे हैं।

क्‍या बोले अफसर 

इस बारे में अधीक्षण अभियंता नगर संजय कुमार गुप्‍त ने कहा कि उपभोक्ताओं के नंबर डायल करने पर कुछ बंद आ रहे हैं तो कुछ गलत जगह मिल रहे हैं। जिसके बाद से उपभोक्ताओं के नए नंबर लेकर केवाईसी अपडेट कराने की प्रक्रिया की जा रही है।

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