Ayodhya Ram Mandir: दान के ब्याज से ही बन गया राम मंदिर का पहला महल, जानें अब तक कितनी मिली समर्पण निधि
22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना हैं. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब राम मंदिर निर्माण के लिए जिस रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया गया था, उसकी तरफ से मंदिर निर्माण की लागत तय की गई थी. जिसके बाद से ही तीन मंजिला राम मंदिर के लिए दुनिया भर के राम भक्तों ने दान दिया. चौंकाने वाली बात यह है कि राम भक्तों ने दिल खोलकर राम मंदिर के लिए दान दिया. आलम यह है कि राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण समर्पण निधि में मिले रुपयों के ब्याज से ही हो गया ।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने देश दुनिया के 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन जब राम भक्तों ने अपना पिटारा खोला तो लक्ष्य से करीब चार गुना ज्यादा रकम रामलला को दान स्वरुप मिल गए. जिसका परिणाम यह रहा कि करीब 3200 करोड़ रुपए समर्पण निधि के रूप में आए और उसके ब्याज से ही प्रथम तल अब बनकर तैयार है, जिसका 22 जनवरी को उद्घाटन होना है.
ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि करीब 18 करोड़ लोगों ने पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा व एसबीआई के खाते में करीब 3,200 करोड़ रुपये समर्पण निधि जमा की है. ट्रस्ट ने इन बैंकों में पैसे की एफडी करा दी है, जिससे मिलने वाले ब्याज से ही मंदिर का वर्तमान स्वरूप तक का निर्माण हुआ है.
हालांकि, फ्लोरिंग वगैरह के कुछ काम के लिए अब मूलधन में से कुछ खरच करना पड़ेगा, लेकिन ट्रस्ट को उम्मीद है कि उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद समर्पण निधि में भी उछाल देखने को मिलेगा. ट्रस्ट ने जो उम्मीद जताई है उसके मुताबिक 2026-27 तक मंदिर का निर्माण पूरा होगा. ऐसे में इसके परिसर में बनने वाले विश्राम गृह, चिकित्सालय, भोजनशाला, गौशाला आदि के निर्माण में बमुश्किल पूरी समर्पण निधि खर्च हो सकेगी.
ट्रस्ट का कहना है कि राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी रोजाना लाखों का दान आएगा. इसका इस्तेमाल मंदिर की देखरेख के साथ ही अन्य सामाजिक कार्यों में होगा. साथ ही दान में मिल रहे एक-एक पाई का हिसाब रखा जा रहा है. समर्पण निधि का सालाना ऑडिट भी हो रहा है.