Business Loan लेने से पहले जरूर जान लें ये 7 बातें, वरना बैंक लोन देने से साफ कर देगा मना

इसके अलावा, बिजनेस लोन लेने के लिए ग्राहक की पात्रता के साथ-साथ दूसरे भी कई फैक्टर्स काम करते हैं, जैसे कि आप किसी सेक्टर में बिजनेस कर रहे हैं, किस टाइप का लोन प्रॉडक्ट लेना चाहते हैं.

ऐसे में Business Loan Apply करने से पहले आपको कुछ शर्तें पता होनी चाहिए. लेकिन बिजनेस लोन लेने के लिए शर्तें क्या होती हैं? बैंक किन शर्तों पर आपको लोन देते हैं? आइए ये भी जान लेते हैं-

1. बिजनेस कितना पुराना और मजबूत है?

बैंक अकसर ये देखते हैं कि आपका बिजनेस कितने सालों से जमा हुआ है, कब शुरू हुआ था, कितना मजबूत है. आपका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है, वगैरह-वगैरह. आमतौर पर मिनिमम 1 से 3 साल पुराना बिजनेस होने पर आपको लोन मिल सकता है.

2. क्या बिजनेस करते हैं? 

आप किस सेक्टर में, किस इंडस्ट्री में बिजनेस कर रहे हैं, ये भी अहमियत रखता है. बैंक ये देखते हैं कि आपका बिजनेस किस इंडस्टी से जुड़ा हुआ है, और उस इंडस्ट्री में बिजनेस का क्या स्कोप है, कितना रिस्क है.

3. सालाना कमाई क्या है?

जाहिर है बैंक आपको तभी लोन देंगे, जब उन्हें इस बात की निश्चिंतता रहेगी कि आप वक्त-वक्त पर इसे चुकाते रहेंगे. आपके बिजनेस की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और लोन रीपेमेंट की क्षमता इस बात पर तय करेगी कि आप सालाना कितना प्रॉफिट कमा ले रहे हैं. आपका फाइनेंशियल मॉडल क्या है, वगैरह.

4. क्रेडिट हिस्ट्री क्या है?

बैंक आपकी पर्सनल क्रेडिट हिस्ट्री तो चेक करते ही हैं, ये भी देखते हैं कि आपके बिजनेस की क्रेडिट हिस्ट्री कैसी रही है. यानी आपने अपने बिजनेस के नाम पर क्या लोन लिया है, कैसे चुकाया है, ये सबकुछ. अगर आप समय-समय पर ब्याज चुकाते रहे हैं, तो ये लोन को मंजूरी मिलने के मौके बढ़ा सकता है.

5. बिजनेस के पेपर सही हैं या नहीं?

बैंक आपसे आपके बिजनेस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स और फाइनेंशियल रिकॉर्ड मांग सकते हैं. आपको लोन की मंजूरी के लिए बैलेंस शीट, प्रॉफिट/लॉस स्टेटमेंट्स, कैश फ्लो स्टेटमेंट, बैंक स्टेटमेंट, आईटीआर, बिजनेस लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट्स देने पड़ सकते हैं.

6. कॉलेटरल क्या है? 

आपको कितना बड़ा लोन चाहिए, इसे देखते हुए बैंक आपसे कोई असेट कॉलेटरल में रखने को कह सकते हैं, जैसे प्रॉपर्टी या कोई दूसरा असेट. हां, बैंक ऐसी ही चीजों को कॉलेटरल में लेते हैं, जिनकी कीमत लोन वैल्यू को कवर ले.

7. Debt-to-Income Ratio क्या है? 

डेट टू इनकम रेशियो बहुत ही अहम पहलू है. इसका मतलब है कि आपकी इनकम कितनी है और आपके ऊपर कितना कर्ज है या फिर लोन लेने के बाद आपके ऊपर कितना कर्ज होगा.

यानी बैंक ये देखता है कि आप लोन के इस एक्स्ट्रा बोझ को हैंडल कर पाएंगे या नहीं. डेट टू इनकम रेशियो जितना कम रहेगा, लोन को उतनी जल्दी मंजूरी मिलेगी.

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