Bhiwani Mahendergarh Lok sabha Seat: बीजेपी या कांग्रेस…15 साल पहले अस्तित्व में आई इस सीट पर किसका होगा कब्जा?

हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट काफी अहम मानी जाती है. यहां से मौजूदा सांसद बीजेपी के धर्मबीर सिंह हैं. पहली बार यह सीट 2009 में अस्तित्व में आई. 2008 से पहले भिवानी और महेंद्रगढ़ दो अलग-अलग सीटें थीं. मगर 2008 में हुए परिसीमन के बाद इन दोनों सीटों को मिलाकर एक कर दिया गया और नई सीट बनाई गई. भिवानी लोकसभा सीट पहली बार 1977 में वजूद में आई थी जबकि महेंद्रगढ़ सीट (1952) का अपना एक अलग इतिहास है.

इस सीट पर जाट और यादव मतदाताओं का प्रभाव अधिक है. भिवानी में जाट तो महेंद्रगढ़ में यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है. बता दें कि 2008 के परिसिमन के बाद भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर 2009 में पहला चुनाव हुआ था. अब तक इस पर तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. 2019 और 2014 में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह ने जीत हासिल की थी. वहीं, 2009 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ में गई थी. कांग्रेस की श्रुति चौधरी ने यहां से जीत दर्ज की थी.

जीत का आंकड़ा

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के धर्मबीर सिंह ने कांग्रेस की श्रुति चौधरी को 4,44,463 वोटों से हराया था. धर्मबीर सिंह को 736,699 यानी 63 फीसदी वोट मिले थे जबकि श्रुति को 292,236 यानी 25 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, अगर 2014 और 2009 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में बीजेपी के धर्मबीर सिंह ने INLD प्रत्याशी बहादुर सिंह को 1,29,394 वोटों से हराया था.

धर्मबीर को 404,542 यानी 39 फीसदी वोट मिले थे जबकि बहादुर सिंह को केवल 26 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, तीसरे नंबर पर कांग्रेस की श्रुति चौधरी रही थीं. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की श्रुति चौधरी यहां से जीत हासिल की थीं. श्रुति ने इंडियन नेशनल लोक दल को 55,577 वोटों से हराया था. श्रुति को 302,817 यानी 35 फीसदी वोट मिले थे.

कुल कितने मतदाता?

बता दें कि भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर कुल 15,66,494 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 8,31,608 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला वोटरों की संख्या 7,34,883 है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 11,61,115 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था.

भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट का इतिहास

2008 से पहले भिवानी और महेंद्रगढ़ दो अलग-अलग सीटें थीं. 2008 में परिसिमन के बाद इस सीट पर 2009 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. भिवानी लोकसभा सीट का अस्तित्व 1977 से 2004 तक रहा. इस दौरान इस सीट पर कुल 10 चुनाव हुए. इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस ने इस सीट पर 4 बार चुनाव जीते बाकी अन्य दलों का कब्जा रहा. इस सीट पर 1952 से 2004 तक कुल 14 चुनाव हुए. इनमें से सात बार कांग्रेस ने जीत हासिल की जबकि दो बार बीजेपी.

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