भूपेश बघेल की बढ़ रही मुश्किलें, ED चार्जशीट में नाम आने के बाद अब आया इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस
महादेव एप मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. अब ईडी को पूरे मामले की जांच में जुटी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय को एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हाथ लगा है जो भूपेश बघेल समेत कई और लोगों के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है. इसी एविडेंस के आधार पर ईडी भूपेश बघेल को जल्द समन भेज सकती है. जांच के मुताबिक ये मेसेज दुबई में बैठे शुभम सोनी ने असीम दास को भेजा था. यही इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश भगेल की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
असीम दास के आई फोन से ED को जो वॉइस नोट मिला है वह 1 मिनट 29 सेकंड का रिकार्डेड ऑडियो मैसेज है. इस वॉइस नोट में शुभम सोनी असीम दास से करोड़ों के लेन देन की बात कर रहा है. पूरी बातचीत से पता चलता है कि ये मैसेज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले भेजा गया था जिसका खुलासा अब हुआ है.
क्या है असीम दास के वॉइस नोट में?
वॉइस नोट के जरिये भेजे गए इस ऑडियो मेसेज में शुभम सोनी असीम से कह रहा है कि “भाई तू एक काम कर, तू न अभी के अभी इंडिया निकल और क्या बोलते हैं, मेरे को न भयंकर कॉल मेसेज आ रहे हैं उधर से पैसे के लिए, तो तू एक काम कर तू वहां निकल… मैं तेरे को न वहां पर रायपुर के ब्रांच से 8/10 करोड़ दिलवा रहा हूं. तो तू वहां पर छोड़वा देना बघेल जी के पास. ठीक है. और क्या बोलते हैं एक बार बात भी कर लेना कि काम वाम न बंद हो अपना कोई भी और बाकी तो मैं करवा दूंगा नेक्स्ट टाइम में… अभी इलेक्शन टाइम चल रहा है न, तो हो नहीं पा रहा है.”
ईडी की गिरफ्त में आये आरोपी असीम दास और दुबई में बैठे महादेव एप के कथित आरोपी शुभम सोनी के बीच का ये ऑडियो नोट ED को असीम से मोबाइल फ़ोन में व्हाट्सएप चैट से बरामद हुआ है. इसी के आधार पर ईडी जल्द तत्कालीन एसपी प्रशांत अग्रवाल और पूर्व सीएम भूपेश बघेल को समन भेजने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा आरोपी असीम और कांस्टेबल भीम सिंह से पूछताछ कर दुबई से मध्यप्रदेश आये 508 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल भी खंगालने की कोशिश की जा रही है.
ईडी की जांच में अब तक क्या हुआ?
ईडी की जांच के मुताबिक अब तक इस केस में 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जिसमे दो सगे भाई सुनील दम्मानी-अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस का ASI चंद्रभूषण वर्मा, एक कांस्टेबल भीम सिंह, कूरियर का काम करने वाला असीम दास और सतीश चंद्राकर शामिल हैं. महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे. ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी हैं.
महादेव बेटिंग ऐप का जाल मलेशिया, थाईलैंड और यूएई तक फैला हुआ है. UAE में अलग-अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए थे. जिनके जरिए अलग-अलग सब्सिडरी ऐप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था. ED की जांच में साफ हुआ है कि महादेव बेटिंग ऐप के जरिए हज़ारों करोड़ रुपए का लेनदेन चला है. UAE में बैठकर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल,पुलिस, ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन का एक नेक्सस तैयार कर महादेव बेटिंग ऐप को हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था.
हिंदुस्तान में छत्तीसगढ़ समेत कई अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में महादेव बुक ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे. इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था.
महादेव बेटिंग एप का मनीट्रेल
सबसे पहले अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से KYC के जरिए बड़ी संख्या में बेनामी बैंक एकाउंट खोले गए. मेन प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और पैनल ऑपरेटर (कॉल सेंटर ऑपरेटर) इन सभी की मिली भगत से इस बैटिंग ऐप सिंडिकेट को चलाया जा रहा था. इस सिंडिकेट को चलाने के लिए पुलिस, पॉलीटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी हिस्सेदारी दी गई थी. अनिल दम्मानी का रोल इस सिंडिकेट में सिर्फ ऑनलाइन बेटिंग एप को ही चलाना नहीं बल्कि बड़े स्तर पर हवाला के जरिए आने वाले पैसे को बेटिंग एप में इस्तेमाल करने के साथ-साथ पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स जो इस ऐप से लाभान्वित होते थे उन तक पैसा पहुंचा जाता था ताकि कोई इन पर उंगली ना उठा सके.
हवाला के जरिए आया मोटा कैश
ईडी की पड़तालों के मुताबिक हवाला के जरिए मोटा कैश UAE में बैठे प्रमोटर छत्तीसगढ़ में अनिल और सुनील दम्मानी को भेजते थे. उसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के एक ASI चन्द्र भूषण वर्मा तक ये पैसा पहुंचाया जाता था, जिसकी जिम्मेदारी थी कि छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात पुलिस अधिकारी ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिक प्रभाव वाले लोगों तक इस पैसे को बतौर रिश्वत पहुंचाना.
जांच के मुताबिक यह पैसा रायपुर के सदर बाजार में एक ज्वेलर के यहां हवाला के जरिए भेजा जाता था. पूछताछ में अनिल दम्मानी ने बताया पिछले दो-तीन साल में वह अपने भाई सुनील के साथ मिलकर रवि उप्पल के कहने पर 60 से 65 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हवाला के जरिए कर चुका है. जिसमें से उसे 6 लाख रुपए मिले. अनील दम्मानी ने ये भी बताया कि ये दोनों अपनी ज्वेलरी की शॉप के जरिए हवाला का कारोबार भी चलाते हैं.
कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि दोनों भाई अनिल और सुनील UAE में बैठे रवि उप्पल के लगातार संपर्क में थे. ASI चन्द्र भूषण वर्मा का सीधा संबंध पूर्व मुख्यमंत्री के पॉलीटिकल एडवाइजर विनोद वर्मा से था, जिसके दम पर वह महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप को ऑपरेट करने के लिए तमाम पुलिस अधिकारी ब्यूरोक्रेट और पॉलिटिशियन को मैनेज कर रहा था. सतीश चंद्राकर जिसे ED ने इस केस में गिरफ्तार किया था वो भी महादेव ऐप के चार कॉल सेंटर चला रहा था.
भूपेश बघेल पर क्या है आरोप?
जांच में यह भी साफ हुआ है कि सतीश चंद्राकर के संबंध एक नामी गैंगस्टर और ड्रग डॉन तपन सरकार के साथ भी थे जो इस मामले में फरार चल रहा है. छत्तीसगढ़ चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले ईडी ने महादेव एप के हवाला कुरियर असीम दास और छत्तीसगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल भीम सिंह को गिरफ्तार किया था जिसकी निशानदेही पर रायपुर में एक होटल की पार्किंग में खड़ी कार की डिग्गी से 5.39 करोड़ रुपए कैश बरामद किए गए
असीम दास ने बताया कि ये पैसा दुबई से महादेव से जुड़े शुभम सोनी ने भेजा है जो भूपेश बघेल के पास जाना था और इसका इस्तेमाल चुनाव में होना था, जिसका जिक्र बाकायदा ईडी ने अपनी चार्जशीट में किया है. चार्जशीट में ये भी लिखा है कि असीम दास ने पूछताछ में खुलासा किया है कि महादेव एप से भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए मिले हैं. इसके बाद शुभम सोनी ने दुबई से वीडियो जारी कर इस बात की तस्दीक की और भूपेश बघेल पर कई आरोप लगाए