चीन के लिए बड़ी फजीहत, पहले भूकंप से तबाही, अब पीड़ितों के सामने खड़ी हुई नई चुनौती

चीन के लिए बड़ी फजीहत, पहले भूकंप से तबाही, अब पीड़ितों के सामने खड़ी हुई नई चुनौती

चीन में भूकंप से हालात बदतर हो गए हैं। सैकड़ों की संख्या में मौतें हुई हैं। बड़ी संख्या में लाग प्रभावित हुए हैं। सरकार द्वारा राहत और बचाव का काम बड़ी मशक्कत से चल रहा है। इसी बीच चीन में पहले भूकंप से तबाही और अब भूकंप पीड़ितों के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी हो गई है। जानकारी के अनुसार चीन में भूकंप पीड़ितों के लिए अब ठंड बड़ी चुनौती बन गई है।

जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिम चीन के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र में आए भूकंप से मची तबाही के बाद अब पीड़ितों के लिए ठंड चुनौती बन गई, जो अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए हैं। भूकंप से मची तबाही के मंजर के बीच एक तरफ अपनों को खोने का गम साल रहा है तो दूसरी ओर अपना जीवन फिर से कैसे पटरी पर लाएं, यह भी पीड़ितों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

रेस्क्यू के काम में मौसम बना बाधा
भूकंप के कारण राहत और बचाव का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन मौसम संबंधी बाधा के कारण इस काम में बाधा आ रही है। इसी बीच एक भूकंप पीड़ित हान झोंगमिन अपनी पत्नी की मदद से मलबे से कुछ बचे हुए सामान निकालते हुए कहते हैं, ‘देखिए इसे। एक ही रात मे मेरा घर क्या से क्या बन गया?’ झोंगमिन ने 6 साल पहले ही अपना घर बनाया था। लेकिन सोमवार रात आए भूकंप के कारण घर तबाह हो गया। मलबे में तब्दील हो गया घर। भूकंप के कारण 135 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इनमें ज्यादातर घायल लोग गांसू प्रांत से हैं। वहीं शेष प्रभावित लोग पास के किंघाई प्रांत से हैं।

भूकंप पीड़ितों ने बताई आपबीती
मा लियानकियांग एक तंबू जैसे अस्थायी आश्रय स्थल में कंबल में लिपटे अपनी मृत पत्नी के शव के बगल में खड़े रहे। उनकी बीमार पत्नी बेहतर देखभाल के लिए अपनी मां के घर गई थी लेकिन भूकंप में चपेट में आकर उसकी मौत हो गई। मा और उनके परिवार के अन्य सदस्य यंग्वा में अपने घर को हुई व्यापक क्षति के बावजूद बच गए, जो गांसु प्रांत में है।

ढह गए 15 हजार मकान, 87 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया
उनके पिता ने मा के बेटे को मलबे से बाहर निकाला। मा का बेटा घायल हो गया है। उसके चाचा ने कहा कि उन्होंने भूकंप की आवाज सुनी और फिर घर भरभराकर गिरने लगा। चाचा मा चेंगमिंग ने कहा, ‘हम बेहद डर गए थे और हम सभी रेंग कर बाहर निकले।’ प्रांत के अधिकारियों ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गांसू में लगभग 15,000 मकान ढह गए और 87,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित शिविरों में ले जाया गया है।

शून्य से भी नीचे चला गया पारा, हो रही फजीहत
तापमान शून्य से काफी नीचे गिर जाने के कारण कई लोगों ने क्षेत्र में स्थापित आश्रय स्थलों में रात बिताई। उत्तर में किंघाई में खोजकर्ता उस क्षेत्र में लापता 12 लोगों की तलाश कर रहे हैं, जहां भूस्खलन के कारण दो गांव जमींदोज हो गए। शुरुआत में लापता लोगों की संख्या 20 से कम थी। सरकारी प्रसारक ‘सीसीटीवी’ के अनुसार प्रांत में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। गांसू में अधिकारियों ने कहा कि उनका खोज और बचाव प्रयास मंगलवार दोपहर तक पूरा हो गया था।

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