गुजरात में BJP विधायक केतन इनामदार का इस्तीफा, इस वजह से हैं नाराज

लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. वडोदरा जिले के सावली सीट से बीजेपी विधायक केतन इनामदार ने बतौर विधायक अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. सूत्रों की माने तो केतन भाजपा से नाराज़ हैं. कहा जा रहा है कि कोंग्रेस से भाजपा में आने वाले नेताओं को मिल रही ज़िम्मेदारी और पद से नाराज़ चल रहे थे. पुराने भाजपा के कार्यकर्ताओं को अनदेखा करने की बात भी सामने आ रही हे. केतन इनामदार ने देर रात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को ईमेल भेजकर अपना इस्तीफा दे दिया है. केतन इनामदार ने अपने पत्र में कहा है कि, ”मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज का सम्मान करते हुए विधायक पद से इस्तीफा देता हूं.”

कौन हैं केतन इनामदार, नाराजगी की वजह?

2012 में केतन इनामदार ने निर्दलीय चुनाव जीता था. वह 2017 और 2022 में बीजेपी के टिकट पर विधायक बने. वडोदरा जिला पंचायत के सदस्य के रूप में राजनीति की शुरुआत की. केतन इनामदार की सहकारी क्षेत्र में भी पकड़ है. उन्होंने बड़ौदा डेयरी मुद्दे पर भी आवाज उठाई थी. माना जा रहा है कि केतन इनामदार कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से नाराज हैं. जब सतीश पटेल को जिला अध्यक्ष बनाया गया तो केतन इनामदार नाराज थे. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस को भी गुजरात में बड़ा झटका लगा था. अहमदाबाद पूर्व सीट से घोषित कांग्रेस उम्मीदवार रोहन गुप्ता ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. चुनाव नहीं लड़ने के पीछे रोहन गुप्ता ने अपने पिता की खराब सेहत को बताया था.

2020 में भी दिया था इस्तीफा

इससे पहले भी केतन इनामदार ने जनवरी 2020 में विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन स्पीकर ने इसे स्वीकार नहीं किया था. इनामदार ने तब दावा किया था कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री उनकी और उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे थे और बीजेपी पार्टी के कई विधायक उनकी तरह निराश महसूस कर रहे थे. गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 7 मई को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

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