भाजपा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, कहा- भगवान राम के भक्तों का अपमान करना बंद करें
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश के युवाओं और अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों पर की गई टिप्पणी के लिए बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि उन्हें इस तरह की अहंकारी भाषा का इस्तेमाल और भगवान राम एवं उनके भक्तों का अपमान करना बंद करना चाहिए।
भाजपा की यह टिप्पणी राहुल गांधी के उस बयान की प्रतिक्रिया में आई है जिसमें कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने वाराणसी में लोगों को सड़क पर शराब के नशे में पड़े देखा। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (राहुल ने) कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा नशे में हैं। क्या इस भाषा का इस्तेमाल उन्हें उस क्षेत्र के बारे में करना चाहिए जहां से उनके परिवार के सदस्य सत्ता में रहे हैं?
और इतने सालों तक वह और उनकी मां सांसद रहे?” भाजपा नेता ने कहा कि गांधी ने उस प्रदेश के लोगों के खिलाफ टिप्पणी की है जिसने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने (उत्तर प्रदेश में) हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है। रोजगार के अवसर आ रहे हैं।” प्रसाद ने कहा, ‘‘राहुल गांधी, आपको शर्म आनी चाहिए। आपने देश को शर्मिंदा किया है।
कृपया अपनी भाषा में सुधार करें।” भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि रात में नशे में धुत होकर ‘उत्तर प्रदेश का भविष्य नाच’ रहा था। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि ओबीसी या आदिवासी श्रेणी का एक भी व्यक्ति 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं था। उन्होंने कहा था कि यहां तक कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी समारोह में नहीं बुलाया गया था जबकि कार्यक्रम में अमीर लोग जरूर नजर आए। प्रसाद ने राम मंदिर कार्यक्रम पर गांधी के बयान की निंदा की और उनसे भगवान राम और उनके भक्तों का ‘अपमान’ करना बंद करने को कहा। प्रसाद ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि केवल अडानी और अंबानी वहां बैठे थे… राहुल गांधी, प्रभु राम और राम भक्तों का अपमान करना बंद करें। राहुल गांधी, बहुसंख्यक भारतीय लोगों के विश्वास पर हमला करना और अहंकारी भाषा का इस्तेमाल करना बंद करें।”