आवारा कुत्तों से परेशान हुए पड़ोसी, हुंच गए हाईकोर्ट, जज बोले-‘इंसानों को…’

आवारा कुत्तों को लेकर पूरे भारत में एक बहस छिड़ी हुई है. कोई इनके प्रति भावनात्मक लगाव रखता है, तो कोई इनसे नफरत करता है. बीते कुछ सालों में आवारा कुत्तों के काटने की समस्या बढ़ी है.

लोगों ने आवारा कुत्तों को खिलाने-पिलाने या रख-रखाव करने वालों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई हैं. यह मामला दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तक सीमित नहीं है. ऐसी घटनाएं पूरे भारत से आ रही हैं. हाल में, आवारा कुत्तों से परेशान से एक शख्स ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दी और इस पर सुनवाई हुई.

एएनआई के मुताबिक, केरल हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, “आवारा कुत्तों से ज्यादा इंसानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अगर कोई पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं, उन्हें तो उनके लिए स्थानीय निकायों को नियमानुसार लाइसेंस जारी करना चाहिए.”

केरल हाईकोर्ट का आदेश

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि कुत्ते प्रेमियों को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आवारा कुत्तों का उत्पात दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. न्यायमूर्ति पीवी कुंजीकृष्णन ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर आवश्यक हो तो केंद्र सरकार से चर्चा करें और एक दिशानिर्देश या योजना तैयार करें.

पड़ोसियों ने दायर की थी शख्स के खिलाफ याचिका

बता दें, कन्नूर के रहने वाले राजीव कृष्णन के पड़ोसियों ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में दावा किया था कि राजीव अपने घर में आवारा कुत्तों को अनहाइजिनिक तरीके यानी अस्वच्छ तरीके से रखते हैं. याचिक पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पीवी कुंजीकृष्णन ने राजीव कृष्णन को नगर निगम या संबंधित विभाग से लाइसेंस लेने के लिए आदेश भी दिए हैं.

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