Budget 2024 : दोगुना होना चाहिए स्टैंडर्ड डिडक्शन, किसने दिया ये सुझाव?
भले ही बजट 2024 पेश करने की तारीख स्पष्ट ना हुई हो, लेकिन सरकार को अलग-अलग सेक्टर्स से सुझाव आने लगे हैं. इस बार जो सुझाव आया है, वो टैक्स और एडवाइजरी कंपनी ईवाई की ओर से आया है. अगर ये सलाह सरकार मान लेती है तो टैक्सपेयर्स को टैक्स में काफी सेविंग हो सकती है. ईवाई ने सरकार को स्टैंडर्ड डिडक्शन दोगुना करने और टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईवाई ने बजट से पहले क्या सलाह दी है?
क्या दी ईवाई ने सलाह
टैक्स और एडवाइजरी कंपनी ईवाई ने सरकार को आगामी बजट में नई रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती यानी स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना करके एक लाख रुपए करने या मूल कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए करने की सलाह दी है. आगामी बजट में कराधान सुधारों की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए ईवाई ने कहा है कि सरकार को कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत ढांचे को बेहतर बनाने और निवेश तथा वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कॉरपोरेट टैक्स पर सुझाव
ईवाई ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट कर की दरों में स्थिरता रखी जाए, टीडीएस प्रावधान को युक्तिसंगत बनाया जाए, तथा विवाद समाधान को सुव्यवस्थित किया जाए। कंपनी ने कहा कि व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर छूट/कटौती के बिना रियायती कर व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। ईवाई ने नई सरकार के समक्ष नीतिगत प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है या कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए किया जा सकता है.
मौजूदा स्टैंडर्ड डिडक्शन कितना?
वर्तमान कर प्रणाली के तहत करदाता पुरानी व्यवस्था और कम दरों और नई रियायती व्यवस्था के बीच चयन कर सकते हैं. जहां पुरानी व्यवस्था में विभिन्न छूट और कटौती प्रदान की जाती है तो वहीं नई कर व्यवस्था में 50,000 रुपए की मानक कटौती प्रदान की जाती है लेकिन कोई छूट प्रदान नहीं की जाती है. ईवाई ने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित कर अनुपालन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कई स्वागतयोग्य कदम उठाए हैं. इनमें पहले से भरे गए रिटर्न, वार्षिक सूचना विवरण, कर भुगतान में आसानी, रिटर्न और रिफंड की तेज प्रक्रिया आदि हैं. इससे स्वैच्छिक कर अनुपालन की स्थिति बेहतर हुई है.