Budget 2024: 140 करोड़ लोगों के लिए 70000 अस्पताल, क्या 10 लाख का इंश्योरेंस बदलेगा हेल्थ सेक्टर के हालात?

सरकार 2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 7वीं बार बजट भाषण पढ़कर एक नया रिकॉर्ड भी बनाने जा रही हैं. इस बीच उम्मीद की जा रही है कि सरकार करीब 12 करोड़ लोगों को मिलने वाले आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ा सकती है, साथ ही इसकी कवर लिमिट को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए भी कर सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या इससे देश के हेल्थ सेक्टर की तस्वीर बदल जाएगी?
बजट पूर्व की चर्चाओं में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने वित्त मंत्री के साथ मुलाकातों में देश के हेल्थ सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव पेश किए हैं. लेकिन उससे पहले नजर देश के हेल्थ सेक्टर के हालात पर भी डाल लेते हैं.
140 करोड़ के लिए 70,000 अस्पताल
नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के हवाले से ईटी की खबर में कहा गया है कि देश की 140 करोड़ की आबादी के लिए मौजूदा समय में करीब 70,000 अस्पताल हैं. इसमें से 63 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर में हैं. अगर देश सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मिला लिया जाए, तो प्रति 1000 लोगों की आबादी पर अभी अस्पताल में महज 1.3 बेड उपलब्ध हैं. जबकि इसे प्रति 1000 लोगों पर 3 बेड तक ले जाना स्टैंडर्ड है.
रिपोर्ट कहती है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत को अभी 24 लाख बेड की क्षमता और विकसित करनी है. इसके लिए बड़े पैमाने पर देश में हेल्थ इंफ्रा और रीयल एस्टेट डेवलप करने की जरूरत है. भारत में हेल्थकेयर स्पेस में अभी 2 अरब वर्गफुट एरिया की कमी बनी हुई है.
अगर बीमा किया 10 लाख रुपए का?
सरकार के अंदर अभी इस बात पर मंथन चल रहा है कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या को अगले 3 साल में डबल किया जाए. इतना ही नहीं देश के अंदर 70 साल से अधिक आयु वाली लगभग पूरी आबादी को इसमें शामिल किया जाए. इनके लिए हेल्थ कवर भी बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया जाए.
दरअसल ये आईएमए का ही एक प्रस्ताव है, जिसमें उसने सरकार से देश के सभी नागरिकों के लिए एक बेसिक हेल्थकेयर पैकेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसके लिए फंड की व्यवस्था टैक्स से की जाए. इतना ही सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को फिर से गढ़े, जिसमें बाह्य रोगी, दवाओं की कीमत, इलाज के रीइंबर्समेंट मॉडल और फैसिलिटीज को सीधे पेशेंट को उपलब्ध कराने जैसी बातों को शामिल किया जाए.
हेल्थ पर खर्च बढ़ाए सरकार
आईएमए ने सरकार से स्वास्थ्य पर अपना बजट आवंटन बढ़ाने के लिए कहा है. आईएमए का कहना है कि सरकार इसे जीडीपी के 5 प्रतिशत तक लाए, जो अभी 1.1 से 1.6 प्रतिशत के बीच बना हुआ है. इतना ही नहीं उसने सरकार से सरकारी अस्पतालों पर निवेश करने का भी अनुरोध किया है, क्योंकि अगर ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को पूरा किया जाना है, तो सरकार को हेल्थ सेक्टर को प्राथमिकता के दायरे में रखना होगा.
सरकार ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में भी आयुष्मान भारत योजना के लिए आवंटन बढ़ाया था. इसके लिए करीब 7200 करोड़ रुपए रखे गए थे. जबकि आयुष्मान भारत- हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए अलग से 646 करोड़ रुपए रखे गए. अब अगर सरकार 10 लाख का बीमा देने और आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने पर फोकस करती है, तो हर साल का बजट करीब 12,000 करोड़ रुपए होगा.
अगर मौजूदा स्थिति को देखें तो सरकारी और प्राइवेट मिलाकर देश में हेल्थ सेक्टर पर जीडीपी का करीब 3.8 प्रतिशत खर्च होता है. ये दुनिया के अधिकतर लो और मिडिल इनकम कंट्री के औसत हेल्थ खर्च से कम है. वहां पर भी स्वास्थ्य सेक्टर पर औसतन जीडीपी का 5.2 प्रतिशत खर्च होता है.

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