‘नोट पर कुछ छापने से…’, 100 रुपये के नोट पर भारतीय इलाके दिखाने पर जयशंकर ने नेपाल को सुनाई खरी-खरी

India Nepal Crisis: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल की अध्यक्षता में गुरुवार (2 मई) को मंत्रिपरिषद की बैठक का आयोजन हुआ जिसमें ये फैसला लिया गया कि नेपाल के पुराने नोटों को नए नोटों के साथ बदला जाएगा.

इन नोटों के ऊपर नया नक्शा छापा जाएगा. वहीं इन नए नक्शों पर भारत के वो तीन विवादित क्षेत्र भी होंगे जिनपर नेपाल अपना हक जमाता है. 100 रुपये के नोट के ऊपर नेपाल भारत का हिस्सा कहे जाने वाले लिंपियाधुरा , लिपुलेख और कालापानी को शामिल करना चाहता है. इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा है कि नेपाल के तरफ से लिए गए इन फैसलों से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.

इसी मामले की जानकारी की खबर देते हुए सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने बताया कि बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का फैसला लिया गया है. नेपाल सरकार की संचार मंत्री रेखा शर्मा ने नेपाल द्वारा लिए गए फैसले की जानकारी भारत को दी. जिसके बाद भारत और नेपाल के रिश्तों में औऱ गर्मा गर्मी आ गई है.

नेपाल के उठाए गए कदम पर भारत ने जताई कड़ी निंदा

नेपाल की ओर से अपने नोटों पर कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे भारतीय इलाकों को शामिल करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की अध्यक्षता की कैबिनेट में ये फैसला लिया गया है. इसको लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले कि ऐसे कदमों से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी. प्रेस कॉफ्रेंस में जयशंकर बोले, ‘हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है. नेपाल के साथ हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे हैं. इसके बीच में उन्होंने एकतरफा तौर पर अपनी तरफ से कुछ कदम उठाए.’

कैसे शुरू हुआ दोनों देशों के बीच विवाद

साल 2020 में दिल्ली की ओर से मानसरोवर यात्रा के लिए धारचूला से लिपुलेख तक कई नई सड़को का निमार्ण किया गया. इन सड़कों के निमार्ण के बाद काठमांडू सरकार नराज हो गई जिसके बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नेपाल का एक नया नक्शा लेकर आए, जिसमें नेपाल ने भारत के 370 वर्ग किलो मीटर को अपने क्षेत्र में जोड़ते दिखाया. इसके अलावा कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल में शामिल करने के लिए नेपाल की संसद की ओर से एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया . जिसके बाद देशों के बीच कम्यूनिकेशन बंद हो गया.

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