कनाडा को लेकर पंजाब में तैयार हुई साजिश, चीन से मंसूबों को दिया गया अंजाम, IGI Airport पर हुआ नया खेल, और फिर…

कुछ लोगों की नजर में पंजाब एक ऐसी बड़ी ‘मंडी’ है, जहां विदेश जाने को बेचैन नौजवानों की भरमार है. राजविंदर कौर इस मंडी से एक ऐसे ही नौजवान की तलाश में थी. राजविंदर की यह तलाश पंजाब के मोगा जिले के अंतर्गत आने वाले दत्‍ता गांव में जाकर पूरी हुई. राजविंदर को यहां गुरदीश सिंह नाम का एक ऐसा नौजवान मिला, जिसका मन कनाडा जाने के लिए फडफड़ाए जा रहा था. लेकिन चाह कर भी वह अपने मन की पूरी नहीं कर पा रहा था.

राजविंदर को जैसे ही गुरदीश के मन में चल रही बातों के बारे में पता चला, उसने बातों ही बातों में उसके सपनों को पंख देना शुरू कर दिया. देखते ही देखते गुरदीश अब कनाडा जाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो गया. गुरदीश को अपनी बोतल में उतारने के बाद राजविंदर ने अपने लाइफ और क्राइम पार्टनर सुखेदव सिंह को खबर कर दी. वहीं गुरदीश को यह भरोसा दिला दिया कि वह कुछ भी करके उसे विदेश भेज कर रहेगी. इसके बाद, गुरदीश, राजविंदर का पूरी तरह से मुरीद हो चुका था.

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के मुताबिक, योजना के तहत राजविंदर ने गुरदीश की सुखदेव और अपने दूसरे साथी अशोक के साथ एक मीटिंग फिक्‍स कर दी. मीटिंग में अच्‍छी अच्छी बातों के बीच 15 लाख रुपए का जिक्र हुआ. ये 15 लाख रुपए गुरदीश को कनाडा भेजने के नाम पर मांगे गए थे. थोड़ी मन मुहार के बाद गुरदीश इसके लिए तैयार भी हो गया था. गुरदीश के पिता ने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए कुछ कर्जा लिया, कुछ जमीन बेची और अपने बेटे के हाथ में 15 लाख रुपए रख दिए.

जांच में सामने आया कि 15 लाख रुपए लेने के बाद राजविंदर ने साजिश के पहले चरण खुलासा गुरदीश के सामने किया. साजिश के पहले चरण के तहत राजविंदर और सुखदेव के साथ गुरदीश चीने के बीजिंग शहर जाना था. कुछ ही दिनों बाद तीनों दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से चीन के बीजिंग शहर के लिए रवाना हो गए. बीजिंग पहुंचने के कुछ दिनों बाद अशोक भी वहां पहुंच गया. वहीं अशोक ने साजिश के दूसरे चरण के तहत, गुरदीश के पासपोर्ट पर कनाडा का वीजा लगाकार वहां से रवाना कर दिया.

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