सेहत और शरीर के लिए सबसे अच्छा खाना गाजर
गाजर में ढेरों औषधीय गुण छिपे हुए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक गाजर गरम तथा तर होने के कारण यह पेशाब लाने वाली, कफ निकालने वाली, दिमाग को बल देने वाली, वीर्यवर्धक तथा मन को प्रसन्न रखने वाली होती है। गाजर को कच्चा तथा उबालकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।
गाजर शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। और तो और, अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी में भी गाजर फायदा करती है। कमजोरी से अगर आपको चक्कर आते हों तो गाजर खाना आपके लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।
गाजर में विटामिन प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें एक विशेष गुण यह रहता है कि इसके सेवन से नवीन रक्त का निर्माण शीघ्रता एवं प्रचुरता के साथ होता है। इसलिए यह प्रकृति-प्रदत्त उत्तम टॉनिक का कार्य भी करती है। इससे रक्त में कैंसर के कोष विकसित नहीं हो पाते। गाजर के जूस का कुछ दिनों तक सेवन करते रहने से खांसी, दमा, पेशाब की जलन तथा पथरी से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। गाजर के पाक तथा मुरब्बे का सेवन करने से शरीर पुष्ट बनता है।
हमारी स्वदेशी चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद गाजर को यौन शक्तिवर्धक टॉनिक मानती है। गाजर और मूली के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर नियमित पीते रहने से लिंग की दुर्बलता दूर होने के साथ यौन शक्ति में अत्यन्त लाभ होता है। दुबले एवं शुक्र दौर्बल्य से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्रकृति प्रदत्त बेहतरीन तोहफा है। ऐसे व्यक्तियों को गाजर का पाक या खीर कुछ दिनों के लिए लगातार सेवन करना चाहिए। शहद में तैयार किया गया गाजर का मुरब्बा अत्यंत कामोत्तेजक होता है।
बच्चों के दांत निकलने के समय गाजर के रस को पिलाते रहने से दांत आसानी से निकल जाते हैं तथा दूध भी उचित रूप से हजम होने लगता है। बच्चा जब चलने के लायक हो जाए तो उसे गाजर और संतरे का रस मिलाकर देने से वह ताकतवर बनकर शीघ्रता से चलने लगता है। गाजर के रस का पान हमेशा दोपहर में ही करना अत्यधिक लाभप्रद होता है। हमेशा ताजा गाजरों का ही रसपान करना चाहिए। रसपान के तुरन्त बाद या पहले भोजन नहीं करना चाहिए।