CBI के अधिकारी बदले जाएं, राजेंद्र नगर कोचिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके के राव कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत से जुड़े मामले में सीबीआई के जांच अधिकारी को बदलने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी .जुलाई में दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर की इमारत में पानी भरने के कारण तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत हो गई थी.
सीबीआई इस घटना के कारणों की जांच कर रही है. इसके साथ ही सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है. जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की सरकारों को निर्देश दिया था कि दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में घटी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.
ट्रायल कोर्ट ने क्या कहा?
मृतक छात्र नेविन डेलविन के पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि सीबीआई ने मामले की जांच में अभी तक किसी भी एमसीडी अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं की है, और न ही उनसे कोई पूछताछ की है, इसलिए जांच अधिकारी को बदल दिया जाए. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका कानून से परे जाकर दाखिल की गई है और हम इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकते हैं. हादसे में मारे गए छात्र के पिता अभिजीत आनंद के वकील का कहना है कि जांच अधिकारी को बदलने और आईजी के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा जांच न किए जाने के संबंध में हमने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. ट्रायल कोर्ट का कहना है कि उसके पास केस के जांच अधिकारी को बदलने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और अब कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही जांच पूरी होने पर रोक लगाने के लिए एक आवेदन दायर किया है, क्योंकि केस के जांच अधिकारी हाईकोर्ट की खंडपीठ के निर्देशानुसार मामले की जांच नहीं कर रहे हैं. गौरतलब है कि 27 जुलाई को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बरसात का पानी भर गया था, जिससे बेसमेंट में अवैध रूप से बनी लाइब्रेरी में बैठे तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत हो गई थी. दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक एसयूवी ड्राइवर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, 2 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच के तरीके पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.