छप्पन कद्दू की सब्जी ने बना दिया किसान को मालामाल, हो रही बंपर कमाई

कम जमीन और कम समय में ज्यादा कमाई के लिए किसान अब सब्जियों की खेती कर रहे है. सब्जियों की फसल 30 से लेकर 70 दिन में तैयार होती हैं और अमूमन रोज पैसा देती हैं.

सरहदी बाड़मेर के किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने ऐसी सब्जी की बुआई की जोकि अधिकांश उतर भारत के अलावा पंजाब और हरियाणा में इसकी बुआई की जाती है. इन्हीं में एक है छप्पन कद्दू. आम कद्दू के मुकाबले यह जल्दी पैदा होता है और महंगा बिकता है.

भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे सरहदी बाड़मेर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित मिठड़ी गांव के किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने पहली बार छप्पन कद्दू की खेती की है.

छप्पन कद्दू या पंजाबी टिंडे की खेती विशेषकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में इसकी खेती की जाती है.

विशेषकर रेगिस्तान में टिंडे या कद्दू की खेती करना किसी अचरज से कम नही है. सबसे खास बात यह है कि इसके लिए किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने देशी खाद को उपयोग में लिया है.

सितंबर में होती है इसकी बुआई
किसान उम्मेदाराम प्रजापत बताते है कि कम पानी की वजह से इसे लगाना आसान था हालांकि यह पहला अवसर है जब रेगिस्तान में छप्पन कद्दू की खेती की जा रही है. अमूमन इसकी खेती पंजाब में की जाती है. वह बताते है कि इस फसल में रोग लगने की अधिक संभावना रहती है ऐसे में इस सब्जी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है.

छप्पन कद्दू या पंजाबी टिंडे की सितंबर माह में बुआई की जाती है और फरवरी तक इसकी पैदावार होती है. यह सब्जी 35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाती है.

प्रजापत बताते है कि सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके एक पौधे में छप्पन कद्दू लगते है. बाड़मेर शहर की कृषि मंडी में इसकी बिक्री करते है. रोजाना करीब 3-4 क्विंटल पैदावार हो जाती है. इतना ही नही यह सब्जी सेना की पहली पसंद है.

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