अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन का बड़ा प्लान, तेजी से कर रहा छोटे बैंकों का विलय

जानकारों का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था में जो गिरावट शुरू हुई है उसमें वापसी की गुंजाइश कम ही है। इसके पीछे कई तरह की वजह हैं। अब अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन बड़ी संख्या में छोटे बैंकों का विलय कर रहा है। चीन अपनी अर्थव्यवस्था में खराब कर्ज की समस्या से निपटने के लिए यह कदम उठा रहा है।

इस वजह से उठाया कदम

चीन सरकार छोटे ग्रामीण बैंकों को मिलाकर बड़े क्षेत्रीय बैंक बनाने जा रही है। चीन यह कदम बैंकों के खराब कर्ज को कम करने के लिए उठा रहा है। चीन के ग्रामीण सहकारी बैंक प्रणाली में खराब ऋण अनुपात 3.48 फीसदी है, जो पूरे वित्तीय क्षेत्र से दोगुना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन हाई रिस्क वाले वित्तीय ऋणदाताओं से निपट रहा है, यह 6.7 ट्रिलियन डॉलर के क्षेत्र में सैकड़ों डीलरों का विलय करेगा।

नियमों का किया उल्लंघन

सरकार का मानना है कि छोटे बैंकों में आईटी और पारदर्शिता की कमी के होती है। कुछ बैंकों ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के अलावा भी लोन देकर नियमों का उल्लंघन किया है। अब चीन अपने बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाना चाहता है। इसके लिए चीन छोटे बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बना रहा है। यह कदम खराब कर्ज की समस्या को कम करने के लिए उठाया जा रहा है।

चीन के इस कदम से छोटे ग्रामीण बैंक बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय संस्थानों में शामिल हो जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य जांच के दायरे में आए 2,100 ऋणदाताओं के बीच बढ़ी बैड क्रेडिट्स की स्थितियों को खत्म करना है। यह एक ऐसी चिंता है जिससे बीजिंग को निपटने की सख्त जरूरत है, क्योंकि बढ़ते घरेलू कर्ज ने पिछले कुछ वर्षों में चीन की अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर निगेटिव दबाव डाला है।

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