बर्तन मांजने से मिलेगा छुटकारा, आ गया देसी डिश वॉशर, कीमत 1 किलो मटन के बराबर

घर के कामकाज में कई लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किल रसोई के बर्तन धोना प्रतीत होता है. हालांकि अब आंध्र प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में 9वीं क्लास के 3 छात्रों ने सफाई के इस बोझ से राहत दिलाने के लिए देसी जुगाड़ निकाला है. इन तीनों ने मिलकर एक देसी डिशवॉशर (Dishwasher) बनाया है. इसकी कीमत केवल 800 रुपये है, जितने में आजकल बाजार में एक किलो मटन बिक रहा है.

रामकृष्ण, कयूफ और रवि तेजा कुरनूल जिले के कोसिगी मंडल के चिन्नाबोमपल्ली स्थित एक सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं. उन्होंने देखा कि ज्यादातर महिलाओं को किचन में बर्तन साफ करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आजकल नौकरीपेशा महिलाएं घर और ऑफिस के बीच समय का संतुलन बनाने में परेशान रहती हैं. घर की रसोई में भी वह रोजाना दो-दो समस्याओं से जूझ रही होती हैं, जिनमें पहला तो खाना बनाना और फिर खाना बनाने तथा उसे खाने में इस्तेमाल हुए बर्तनों की सफाई करना शामिल है. रोज-रोज बर्तन धोने से उनके हाथों की त्वचा को भी नुकसान पहुंचता है.

ऐसे बनाया देसी डिश वॉशर

इन तीनों छात्रों ने देखा कि यह बस एक घर या किसी मोहल्ले तक ही सीमित नहीं है, कई ज्यादातर घरों की महिलाओं को ऐसी ही मुश्लिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. इस परेशानियों को ध्यान में रखते हुए रामकृष्ण, कयूफ और रवि तेजा की तिकड़ी ने केवल 800 रुपये के खर्च में बड़े बॉक्स, स्प्रिंकलर, वॉटर पंप और पाइप का उपयोग करके एक देसी डिश वॉशर का आविष्कार किया.

कैसे मिली इस आविष्कार की प्रेरणा

ये तीनों छात्र अपने इस आविष्कार के बारे में बताते हैं, ‘बचपन से ही हम देखते आ रहे हैं कि कैसे घरों में मां, बहनें, बड़ी महिलाओं को रसोई में बर्तन धोने में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसे देखकर हम तीनों को एक आइडिया आया और हमने इसे स्कूल में अपने शिक्षकों के साथ साझा किया. शिक्षकों के जबरदस्त सहयोग से हमने बेहद कम लागत में यह डिश वॉशर तैयार किया. इससे उन महिलाओं को काफी मदद मिलेगी, जो अपने परिवार के साथ-साथ समाज की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर रही हैं.’

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