Congenital Rubella: रूबेला की शुरुआत कैसे होती है? डॉक्टर से जानें

कॉग्नेटल रूबेला सिंड्रोम जन्म से होने वाला रोग है। इसमें बच्चे को जान का जोखिम होता है। गर्भावस्था में यदि महिला रूबेला वायरस से संक्रमित होती है तो इससे बच्चे को खसरा (रूबेला) होने का खतरा अधिक होता है।

दरअसल, यह रोग मां से बच्चे को जन्म से पहले ही हो सकता है। इसे जर्मन रुबेला भी कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान यह संक्रमण पहले तीन महीनों में होने का जोखिम अधिक होता है। इस रोग की वजह से महिलाओं को मिसकैरेज हो सकता है।

इस समस्या में महिलाओं को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस संक्रमण की वजह से बच्चे को जन्मजात हृदय रोग, मोतियाबिंद, सुनने में परेशानी और विकासात्मक देरी हो सकती है। आगे एनएमसी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉक्टर विनोद कुमार से जानते हैं कि रुबेला की शुरुआत कैसे होती है।

शरीर में कॉग्नेटल रूबेला की शुरुआत कैसे होती है?

कॉग्नेटल रूबेला सिंड्रोम (जन्मजात रूबेला सिंड्रोम) एक गंभीर रोग है। यह रोग गर्भवस्था की पहली तीमाही में होने का खतरा अधिक होता है। इससे महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, गर्भ में पल रहे बच्चे को रूबेला यानी खसरा होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबी वायरस के संपर्क में आने की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं को यह रोग हो सकता है। इसके अलावा, यह वायरस बच्चों और व्यस्कों को भी संक्रमित कर सकता है। रूबेला को जर्मन खसरा भी कहा जाता है।

जब कोई स्वस्थ व्यक्ति, बच्चा या प्रेग्नेंट महिला किसी खसरे से पीड़ित व्यक्ति के पास जाती हैं, तो हवा में एयर ड्रॉप्स से रूबी वायरस अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। संक्रमित होने के बाद वायरस सबसे पहले महिलाओं, पुरुषों व बच्चों की इम्यूनिटी को खराब करता है। वैसे, तो देश में खसरे को खत्म करने के लिए सालों से टीकाकारण का कार्य किया जा रहा है। प्रेग्नेंसी के दौरान लगने वाले टीकों में इसके भी शामिल किया जाता है।

 

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