6 साल 90 दिन में महाविनाश की उल्टी गिनती शुरू? क्या सच में ही ये “क्लाइमेट क्लॉक’ में उल्टा चल रहा है समय..!
संपूर्ण विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है इसका मुख्य कारण है बढ़ता हुआ प्रदूषण और विज्ञान के नए-नए आविष्कार। मौसम की अनियमितता जलवायु संबंधी आपदा का सामना संपूर्ण विश्व के लोग कर रहे हैं।
ग्लोबल वार्मिंग को कंट्रोल करने का समय भी जैसे रेत की तरह निकलता जा रहा है। ऐसे में समय के साथ कुछ ऐसे भयानक परिणाम हम सभी को देखने को मिल सकते हैं। वैसे तो समय देखने के लिए घड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन एक ऐसी घड़ी महाविनाश की जानकारी देती है। उस गाड़ी का नाम क्लाइमेट क्लॉक है।
अर्थ डे पर की गई लांच
क्लाइमेट क्लॉक को इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में ‘अर्थ डे’ के मौके पर 16 मैन ऑफ इंडिया के डॉक्टर और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के द्वारा लांच किया गया था। यह घड़ी इस बात को बता रही है कि सिर्फ आने वाले 6 साल 90 दिन 22 घंटे में इस धरती का तापमान 1.5 डिग्री और अधिक बढ़ने वाला है।
क्या खासियत है क्लाइमेट क्लॉक की
भारत के सोलर मैन डॉक्टर सोलंकी ने बताया कि हमारी आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा अभी जलवायु के होने वाले परिवर्तन से बिल्कुल अनजान है। उन्होंने यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन से लोगों की जिंदगी पर बहुत बड़ा खतरा मंडराने वाला है। इसीलिए हम सबके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर इस खतरे से किस तरह से बचा जा सकेगा। इसी लिए क्लाइमेट क्लॉक को लॉन्च किया गया है।
क्या होने वाला है 2030 में
दुनियाभर में हो रही रिसर्च और वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी का ताप बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। एक ताजा रिसर्च के अनुसार 2030 तक हमारी पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री और ज्यादा बढ़ जाएगा। अगर ऐसा हो जाएगा तो हम पर इसका बहुत विपरीत प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि यह बदलाव हम सबकी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
ऐसा क्या करती है क्लाइमेट क्लॉक
डॉक्टर सोलंकी ने बताया कि क्लाइमेट क्लॉक की इस बात की याद दिलाती है कि ग्लोबल वार्मिंग मैं अब कितना समय बचा है। इस क्लॉक के अनुसार 6 साल 90 दिन 22 घंटे में धरती का तापमान 10 डिग्री और अधिक बढ़ जाएगा। इससे पर्यावरण और धरती पर रहने वाले सभी लोगों पर इसका गलत असर पड़ेगा। इस समय सीमा के अनुसार सन 2030 तक यह घड़ी भी बंद हो जाएगी।
लोगों को बनाना है जागरूक
डॉक्टर सोलंकी ने अभी 3 सालों से लोगों को हमारे पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है। वह सोलर एनर्जी से चलने वाले बस में ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।अगर हम अभी नहीं संभल कर चले तो क्लाइमेट क्लॉक की गिनती सन 2030 से उल्टी शुरू हो जाएगी।