देश की ‘दुल्हन’ खरीद रहीं ‘जड़ाऊ जेवर’, इतना बढ़ा शादी का बजट

आपने अपनी दादी-नानी से अक्सर उनकी शादी में मिले खानदानी ‘नवलखा हार’ के किस्से सुने होंगे. उस दौर का एक ज्वैलरी ट्रेंड इस बार फिर शादी के सीजन में लौट आया है. देशभर में इस बार 35 लाख शादियां होने का अनुमान है. ‘दुल्हन’ बनने जा रही लड़कियों के बीच ब्राइडल लुक के लिए ‘जड़ाऊ गहनें’ ट्रेंड बन रहे हैं. इसने शादियों का बजट भी बढ़ाया है.

दादी-नानी के दौर में गोल्डन ज्वैलरी की डिमांड तो खूब होती ही थी, लेकिन उस दौर में ‘जड़ाऊ गहनों’ की भी अच्छी मांग होती थी. ‘नवलखा हार’ का तो मतलब ही होता था कि उसमें हीरे, नगीने, पन्ना और रूबी जैसे कीमती पत्थर भी जड़े होते थे. अब ऐसे ही गहनों का ट्रेंड लौट आया है.

बढ़ गया शादी का बजट

दुल्हनों की पसंद बदलने के साथ ही उनके माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. हुआ ये है कि पिछले साल ब्राइडल ज्वैलरी का जो बजट 5 से 7 लाख रुपए एवरेज था. इस साल वह बढ़कर 10 लाख रुपए तक हो चुका है. खैर इसकी एक वजह शादियों के सीजन के बीच में गोल्ड के दाम बढ़ना और उनका 64,000 रुपए के भाव तक पहुंच जाना भी है.

ईटी ने ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा के हवाले से लिखा है कि इस साल मार्केट में भारी गहनों की डिमांड बढ़ गई है. दुल्हन ‘जड़ाऊ जेवर’ को ज्यादा पसंद कर रही हैं.

डिजाइनर ज्वैलरी की भी डिमांड

भारत में सबसे ज्यादा सोने की खपत दक्षिण भारत में होती है. लेकिन इस बार वहां भी ‘जड़ाऊ जेवर’ की डिमांड पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है. वहीं कोलकाता की फेमस डिजाइनर ज्वैलरी जिसे ‘कलकत्ती जेवर’ भी कहा जाता है. उसे भी इस साल काफी पसंद किया जा रहा है. मुंबई के जवेरी बाजार के ट्रेडर्स का कहना है कि इस साल ब्राइडल शॉपिंग में गोल्ड से ज्यादा डिमांड ‘जड़ाऊ जेवर’ की है.

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