केकड़ों ने दिखाया अजीब बर्ताव, प्लास्टिक की चीजों में बनाया अपना ठिकाना, साइंटिस्ट भी परेशान

हर्मिट क्रैब को हम साधु केकड़े कह सकते हैं. ये साधारण केकड़े नहीं होते हैं. इनकी खास बात यह होती है कि ये समुद्र के किनारे पर किसी तरह खोल ढूंढ लेते हैं और खुद की रक्षा के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं. अब इनके बर्ताव में एक अजीब सी बात देखने को मिल रही है. यह समुद्री बीचों पर पड़े प्लास्टिक के कैन और अन्य बेकार कचरे का उपयोग भी अपने खोल के लिए करने लगे हैं. इनकी इस तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें प्लास्टिक और धातु की बोतलों और कैन आदि को ये केकड़े अपना घर बना रहे हैं.

वैज्ञानिकों को कहना है कि यह दिल तोड़ने वाली घटना बताती है कि किस तरह हमारी दुनिया में जानवरों को हमारे फैलाए गए कचरे में रहने पर मजबूर किया जा रहा है. वरसॉ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसी 286 अलग अलग तस्वीरों का विश्लेषण किया जिनमें हर्मिट केकड़े इस तरह के कृत्रिम खोल में रह रहे हैं.

हर्मिट केकड़ों का पेट बहुत ही नाजुक और संवदेनशील होता है. इसलिए वे अपने आस पास मृत जानवरों के खोल का उपयोग करते हैं. जिससे किसी बाहरी शिकर करने वाले जानवर या फिर अन्य कारण से उनके पेट को नुकासन ना पहुंचा सकें. आमतौर पर इसके लिए वे सीपीयों या घोंघे के खोलों को उपयोग करते हैं.

अभी तक साफ नहीं हुआ है कि इस तरह का बर्ताव इन जानवरों के लिए फायदेमंद है या नुकासनदायक. प्रोफेसर मार्ता जुल्किन का कहना है कि इन तस्वीरों में उन्होंने 386 अलग-अलग केकड़ों की पहचान की है जो प्लास्टिक के कैप, टूटी बोतलों के हिस्से आदि का उपयोग कर रहे हैं.

वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार, दुनिया में जमीन पर रहने वाली हर्मिट केकड़ों की 16 में से 10 प्रजातियां इस प्रकार के खोलों को उपयोग कर रहे हैं. और इस तरह का बर्ताव पृथ्वी के किसी एक हिस्से में नहीं बल्कि दुनिया के सभी कटिबंधीय इलाकों में देखने को मिल रहा है.साइंटिस्ट में हर्मिट केकड़ों के इस नए बर्ताव के कारण भी जानने की कोशिश की है. उनके मुताबिक समुद्री तटों पर घोंगों के खोलों की कमी एक बड़ा कारण हो सकती है जिसके कारण उन्हें इस तरह की चीजों में जाना पड़ रहा है. इसके अलावा प्लास्टिक का हलका वजन भी उन्हें आकर्षित कर रहा होगा.

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