क्राइम मीटिंग: पुलिस आयुक्त ने ली परीक्षा, सवालों के जाल में उलझे थानेदार; छूटे पसीने

पहली क्राइम मीटिंग में पुलिस आयुक्त ने थानेदारों के पेच कसे। साफ-साफ कहा गया कि किसी भी हालत में सिफारिशी थानेदार नहीं चलेंगे।

आगरा पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड ने मंगलवार को क्राइम मीटिंग में थानेदारों की कड़ी परीक्षा ली। बाकायदा उन्हें प्रश्न पत्र देकर उनके थाना क्षेत्रोंं के माफिया, गैंगस्टर के नाम पूछे गए। आयुक्त की मीटिंग में थानेदारों के पसीने छूट गए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो थानेदार दलालों के संपर्क में मिला, उसे फिर कभी चार्ज नहीं दिया जाएगा।

पुलिस आयुक्त ने अपनी पहली क्राइम मीटिंग में ही थाना प्रभारी निरीक्षकों को काम करने की सीख दे डाली। सभी थानेदारों को प्रश्नपत्र हल करने के लिए थमाया गया तो वह चौंक पड़े। प्रश्नपत्र में थानेदारों से थाने के टॉप-10 अपराधियों के नाम पूछा गया। एक सवाल का जवाब देने में ही थानेदारों के पेशानी पर बल पड़ गए। कुछ थानेदार तो दो तीन नाम ही लिख पाए।

थानेदारों से 10 हिस्ट्रीशीटर, भूमाफिया के नाम भी पूछे गए। इन सवालों के सही जवाब अधिकांश थाना प्रभारी नहीं दे पाए। पेपर के बाद पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए कि घटना की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंचने में देरी नहीं करेगी। जनता से मधुर संबंध बनाए रखेंगे। पुलिसकर्मी सीनियर सिटीजन, महिला, बच्चों और गरीबों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे।सभी थानेदार सुबह दस से दोपहर दो बजे तक जन सुनवाई करेंगे। बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट के अपराधियों की निगरानी करेंगे। उनका लेखा जोखा भी रखेंगे। तहरीर प्राप्त होते ही एफआईआर दर्ज करके पीड़ित के घर पहुंचाई जाए। जुआ-सट्टा व तस्करी आदि करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी को निरंतर काम करेंगे। भ्रष्टाचार किसी स्तर पर पाया जाता है तो बर्खास्त होंगे।

पेपर में पूछे गए प्रश्न

1- थाना क्षेत्र के विभिन्न माफिया के नाम

2- थाना क्षेत्र के टॉप 10 अपराधी के नाम

3- लूट, डकैती आदि गंभीर अपराध कर संपत्ति अर्जित करने वाले 10 सक्रिय अपराधियों के नाम

4- थाना क्षेत्र के 10 हिस्ट्रीशीटर के नाम

5- राजनीतिक दलों के मंडल अध्यक्ष से लेकर विधायक, सांसद का नाम

6- थाना क्षेत्र में रहने वाले किसान नेता, मजदूर नेता, छात्र नेता के नाम

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