समीर रिज्वी के बीमार पिता के चेहरे पर खुशी, CSK ने ऑक्शन में 8.40 करोड़ में खरीदा
समीर रिज्वी और उनके चाचा तनकीब अख्तर उस समय अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके जब मंगलवार को आईपीएल नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स, गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच इस युवा खिलाड़ी के लिए बोली की होड़ दिखी।
रिज्वी परिवार के लिए बड़े संघर्षों के बाद यह नया मोड़ आया क्योंकि उनके पिता हसीन खराब स्वास्थ्य के कारण काम करने में सक्षम नहीं हैं। अब शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो चुके हसीन अपने बेटे पर गौरवान्वित है। तीन साल पहले ब्रेन हेमरेज (मस्तिष्क रक्तस्त्राव) का सामना करने वाले हसीन को उम्मीद है कि उनका बेटा अब उनके लिए सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार का खर्च उठाने में सक्षम होगा।
तनकीब ने मेरठ से ’पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे थे कि नीलामी में समीर को कोई टीम चुनेगी। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि इतनी बड़ी रकम मिलेगी या चेन्नई सुपर किंग्स उनके लिए बोली लगाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समीर की बहुत सारी महत्वाकांक्षाएं हैं। एक अच्छा घर, अपने पिता का उचित इलाज और इस तरह की बहुत सी चीजें। अल्लाह दुआ करे, वह इन सभी को पूरा कर सकता है।’’
समीर इस बात से काफी रोमांचित हैं कि आखिरकार वह (महेंद्र सिंह) धोनी से करीब से मिल सकेंगे। धोनी उसके आदर्श खिलाड़ी हैं।’’
रिज्वी ने भी सुपर किंग्स के लिए खेलने के मौके को लेकर अपना उत्साह साझा किया लेकिन स्वीकार किया कि जब नीलामी में उनका नाम आया तो वह घबरा गए थे।
उसने जियो सिनेमा कहा, ‘‘मैंने देखा कि मुझसे पहले के चार-पांच खिलाड़ियों के लिए बोली नहीं लगी। मैं उस समय घबरा गया था। लेकिन वह (धोनी) हमेशा से मेरे आदर्श रहे हैं। मैं बहुत उत्साहित हूं, फिर भी उनसे मिलने की संभावना को लेकर घबराया हुआ हूं। मैंने उन्हें सामने से कभी नहीं देखा है।’’
रिज्वी को घरेलू क्रिकेट सर्किट में छक्के मारने की उनकी क्षमता के लिए जाना जाता है। उत्तर प्रदेश टी20 लीग और अंडर-23 टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन ने उन्हें सुपर किंग्स का अनुबंध दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
रिज्वी ने यूपी टी20 लीग के दौरान कानपुर सुपर स्टार्स के लिए खेलते हुए नौ मैचों में 455 रन बनाए, जिसमें 47 गेंदों पर टूर्नामेंट का सबसे तेज शतक भी शामिल है।
रिज्वी ने उस फॉर्म को राज्य अंडर-23 टूर्नामेंट में जारी रखा जहां उन्होंने सात मैचों में 454 रन बनाए। इस दौरान इस युवा बल्लेबाज ने उन टूर्नामेंटों में 16 मैचों में 72 छक्के लगाए।
तनखीब ने कहा, ‘‘यह उसका नैसर्गिक खेल है। वह कम उम्र से ही बड़े शॉट लगाने वाला बल्लेबाज है।उसने नीतीश राणा और रिंकू सिंह (यूपी टी20 लीग में) जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ बातचीत की है और खेला है और उन्होंने उसे अपना स्वाभाविक खेल खेलने की सलाह दी है।’’
तनकीब गांधी बाग क्रिकेट अकादमी में उनके बचपन के कोच भी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम खुश हैं कि हमारे प्रयास सफल हुए हैं। आखिरकार यह (आईपीएल अनुबंध) उनके पास आ गया है। घर पर हर किसी की आंखों में आंसू हैं। उम्मीद है कि वह एक दिन भारत के लिए खेलेगा।