जिसे कहा जाता था अगला धोनी, उसका करियर 3 ही मैच में खत्म हो गया
झारखंड के लेफ्ट हैंड बल्लेबाज सौरभ तिवारी ने अचानक क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. 34 साल के तिवारी रणजी ट्रॉफी में आखिरी बार झारखंड के लिए 15 फरवरी को अपना आखिरी मैच जमशेदपुर में खेलते हुए नजर आएंगे. तिवारी ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और उन्हें देश का अगला महेंद्र सिंह धोनी माना जाता था. लेकिन भारत के लिए सिर्फ 3 वनडे मैच खेलने के बाद इस खिलाड़ी को फिर कभी मौका नहीं मिल पाया और अब उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया है.
विराट की कप्तानी में जीता था वर्ल्ड कप
सौरभ तिवारी भारत की 2008 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का भी हिस्सा थे. वो उस टूर्नामेंट में विराट कोहली की कप्तानी में खेले थे. बाद में वो 2010 में आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस में शामिल हुए और उन्होंने 419 रन भी उस सीजन में बनाए. वहां से ऐसा माना जा रहा था कि तिवारी टीम इंडिया के लिए एक बड़े सितारे बनकर सामने आएंगे और उन्हें उसी साल टीम में चुन भी लिया गया. लेकिन सिर्फ 3 मैच खेलने और 49 रन बनाने के बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया और फिर वो कभी वापसी कर ही नहीं पाए.
ठीक-ठाक रहा करियर
तिवारी का आईपीएल में प्रदर्शन ठीक-ठाक ही रहा था. मुंबई के बाद उन्हें 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा था, लेकिन वह अपनी नई फ्रेंचाइजी के साथ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. फिर कंधे की चोट के कारण वो आईपीएल 2014 से बाहर हो गए, जिसके बाद उन्होंने 31 साल की उम्र में 2021 में मुंबई लौटने से पहले एक-एक साल के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के लिए खेला. तिवारी ने आईपीएल में 28.73 की औसत और 120 की स्ट्राइक रेट से 1494 रन बनाए हैं. कुल मिलाकर, उनके नाम 29.02 की औसत और 122.17 की स्ट्राइक रेट से 16 अर्द्धशतक के साथ 3454 टी20 रन हैं.
उन्होंने सभी फॉर्मेट में 88 बार अपने स्टेट टीम की कप्तानी की. जिसमें से उन्होंने 36 जीते, 33 हारे और 19 मैच ड्रॉ भी रहे. उन्होंने 7 बार ईस्ट जोन की कप्तानी भी की. अपने फर्स्ट क्लास करियर की तरह, तिवारी का लिस्ट ए करियर 2006 में शुरू हुआ. उन्होंने 116 मैचों में 27 हाफ सेंचुरी और 6 सेंचुरी के साथ 46.55 की औसत से 4050 रन बनाए.