बेटी के पिता ने चढ़ाया तिलक, गिनकर दिए 11 लाख 21 हजार, दूल्हे ने किया वो काम, रो दिया बेचारा बाप
भारत में कई दशकों से दहेज़ जैसी कुप्रथा चलती आई है. इस कुप्रथा की वजह से बेटी के जन्म के बाद से ही माता-पिता पैसों की बचत करने लगते हैं. भले ही बेटी कितनी भी पढ़ी-लिखी ना हो, वो जॉब भी कर रही होती है, इसके बाद भी लड़के वालों को उनकी डिमांड के हिसाब से दहेज़ चढ़ाना पड़ता है. लेकिन हाल ही में राजस्थान के जालोर के एक दूल्हे ने अपनी सगाई में चढ़ाए गए नेग के साथ जो किया, उसने इस पूरी शादी की चर्चा करवा दी.
भारत में कई राज्यों में दहेज़ प्रथा चलती है. भले ही लोग इसे बुरा कहते हैं लेकिन इसके बाद भी कई जगहों पर आज भी दहेज़ खुलेआम दिया और लिया जाता है. लोग अपनी जिंदगीभर की पूंजी बेटी की शादी में दूल्हे वालों को दे देते हैं. इस उम्मीद से कि उनकी बेटी को ससुराल में खुश रखा जाएगा. ऐसा ही कुछ सोचा था बीकानेर के हुकुमसिंह सोढा ने. जब उन्होंने अपनी बेटी की सगाई में कैश चढ़ाया जो दूल्हे ने जो किया, उसके बाद पिता की आंखों से आंसू निकल गए.
एक रुपये का लिया शगुन
जानकारी के मुताबिक़, सांगड़वा के रहने वाले डॉ परबतसिंह के पुत्र की सगाई हुकमसिंह की बेटी के साथ तय हुई थी. सगाई में पिता ने अपनी बेटी की तरह से दूल्हे को ग्यारह लाख इक्कीस हजार कैश चढ़ाया. जब सबके सामने कैश दिया गया, तो लड़के ने उसमें से मात्र एक रुपया उठाया और एक नारियल के साथ बाकी के पैसे लौटा दिए.
बदल रहा है चलन
दूल्हे के इस हरकत ने इस विवाह को मिसाल बना दिया. जहां आज के समय में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां दहेज़ के लिए लड़की को प्रताड़ित किया जाता है. वहीं इस दूल्हे ने सामने रखे कैश को लौटा दिया. बेटे के इस फैसले में दूल्हे के पिता ने भी पूरा साथ दिया. बता दें कि अब राजस्थान में दहेज़ को लेकर लोगों की धारणा बदल रही है. इससे पहले जैतपुर से भी ऐसा एक मामला सामने आया था, जहां दूल्हे ने ग्यारह लाख लौटा कर एक रुपये के शगुन में शादी की थी.