लगने वाली है संन्यास की लाइन’ डेविड वॉर्नर का इशारा इन खिलाड़ियों की ओर

स्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने आज टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ एकदिवसीय क्रिकेट से भी संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह 2025 के चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में वापसी कर सकते हैं।हालांकि हाल ही में एक न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जल्द ही उनके समकालीन क्रिकेटर्स भी संन्यास की घोषणा कर सकते हैं।

ऐसे में सबसे पहला इशारा स्टीव स्मिथ की ओर जाता है जो डेविड वॉर्नर के साथ सैंड पेपर गेट में आरोपी थे।

2011 के वनडे विश्वकप में बतौर स्पिनर शामिल हुए स्टीव स्मिथ अब फैब फोर बल्लेबाजी का हिस्सा हैं। डेविड वॉर्नर के साथ ही वह दुनिया के चुनिंदा ऐसे खिलाड़ी में से एक हैं जो वनडे और टी-20 विश्वकप और विश्व टेस्ट चैंपियन टीम का हिस्सा रहे हैं। उनके लिए पाने को अब बहुत कुछ नहीं है तो हो सकता है स्मिथ भी जल्द संन्यास की घोषणा करें

वॉर्नर ने सोमवार को अपने घरेलू मैदान सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में कहा, “मैं एकदिवसीय क्रिकेट से भी संन्यास ले रहा हूं। इसके बारे में मैंने विश्व कप के दौरान सोचा था। भारत में पूरा विश्वकप खेलना और उसे जीतना एक बड़ी उपलब्धि थी। मैं इस प्रारूप से संन्यास लेने का निर्णय ले रहा हूं, ताकि मुझे दुनिया भर में टी-20 लीगों में जाने और खेलने का समय मिल सके। इसके साथ ही हमारी एकदिवसीय टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका भी मिलेगा। मुझे पता है कि चैंपियंस ट्रॉफी आ रहा है। अगर मैं अगले दो साल के समय में अच्छा प्रदर्शन करता हूं और टीम को मेरी जरूरत पड़ती है, तो मैं उपलब्ध रहूंगा।”

वॉर्नर ने सोमवार को अपने घरेलू मैदान सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में कहा, “मैं एकदिवसीय क्रिकेट से भी संन्यास ले रहा हूं। इसके बारे में मैंने विश्व कप के दौरान सोचा था। भारत में पूरा विश्वकप खेलना और उसे जीतना एक बड़ी उपलब्धि थी। मैं इस प्रारूप से संन्यास लेने का निर्णय ले रहा हूं, ताकि मुझे दुनिया भर में टी-20 लीगों में जाने और खेलने का समय मिल सके। इसके साथ ही हमारी एकदिवसीय टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका भी मिलेगा। मुझे पता है कि चैंपियंस ट्रॉफी आ रहा है। अगर मैं अगले दो साल के समय में अच्छा प्रदर्शन करता हूं और टीम को मेरी जरूरत पड़ती है, तो मैं उपलब्ध रहूंगा।”

उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा निर्णय था जिसके साथ मैं बहुत सहज था। भारत में हमने एकदिवसीय विश्वकप में जिस तरह से वापसी करते हुए ट्रॉफी जीती वह आश्चर्यजनक था। जब हम भारत में लगातार दो मैच हार गए तो टीम में एक-दूसरे के साथ हमारे संबंध और भी मजबूत हुए। हालांकि फाइनल जीतना कोई संयोग नहीं था। ग्लेन मैक्सवेल की शानदार पारी, कमिंस की बेहतरीन कप्तानी में जिस तरह से हमने फाइनल खेला वह अभूतपूर्व था। साथ ही सेमीफाइनल में भी हमने जिस तरह का प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था।”

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