Diesel या Petrol Car, जान दोनों ऑप्शन में से आप कौन सी कर खरीदना चाहेंगे, जाने डिटेल

,कार हर घर की जरूरत होती है, जब भी कोई परिवार कार खरीदने के बारे में सोचता है तो इस बात पर बहस होने लगती है कि क्या सीएनजी कार खरीदी जाए, जो ज्यादा माइलेज देगी या फिर पेट्रोल और डीजल में से कौन सी कार खरीदना बेहतर होगा ( सीएनजी कारें बनाम गैसोलीन बनाम डीजल)।

इस खबर में हम आपके भ्रम को दूर करने के लिए इन तीन तरह के वाहनों के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

आराम और प्रदर्शन

गैसोलीन कारें बेहतर प्रदर्शन करती हैं। डीजल और सीएनजी इंजन की अच्छी पकड़ प्रदान करता है। इसी तरह, एक डीजल कार शुरुआती त्वरण में धीमी होती है, लेकिन लंबी यात्राओं पर इसका प्रदर्शन अच्छा होता है। वहीं, सीएनजी कारें डीजल और गैसोलीन कारों की तुलना में कम पावर और टॉर्क पैदा करती हैं।

बूट स्पेस और माइलेज

पेट्रोल और डीजल कारों में पर्याप्त बूट स्पेस मिलता है। लेकिन अगर आपका परिवार बड़ा है या आप कार में ज्यादा सामान लेकर यात्रा करते हैं तो आपको सीएनजी में ट्रंक की जगह कम मिलेगी। डिक्की में गैस सिलेंडर लगा होने के कारण सीएनजी कारों में सामान रखने में दिक्कत होती है। माइलेज की बात करें तो पेट्रोल कारें डीजल और सीएनजी कारों की तुलना में कम माइलेज देती हैं। डीजल कारें गैसोलीन से अधिक और सीएनजी से कम माइलेज देती हैं। सीएनजी कारें पेट्रोल और डीजल के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती हैं।

रखरखाव लागत और ईंधन उपलब्धता

गैसोलीन और डीजल पंप किसी भी शहर या मोहल्ले में आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि महानगरों को छोड़कर सीएनजी पंपों की संख्या कम है, लेकिन पेट्रोल पंपों की तुलना में ये आपके घर या ऑफिस से कुछ दूरी पर मिल जाएंगे। पेट्रोल कारें डीजल और सीएनजी से सस्ती होती हैं। डीजल कारें पेट्रोल और सीएनजी वाहनों की तुलना में अधिक महंगी हैं। वहीं, अगर सीएनजी कारों की बात करें तो ये गाड़ियां पेट्रोल कारों से ज्यादा महंगी लेकिन डीजल कारों से सस्ती होती हैं।

 

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