दिवाली ऑफर, फेक कॉन्फ्रेंस, काला जादू… झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी ने इस तरह कसा शिकंजा
झारखंड के भूमि और पत्थर खनन घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ शिकंजा कसती दिख रही है. इस मामले की जांच के दौरान ईडी की टीम को कई अजीबोगरीब हालात से होकर गुजरना पड़ा. इसमें जांच एजेंसी को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के कर्मचारियों के नाम पर होटल बुक करने से लेकर एक कॉन्फ्रेंस की आड़ में छापे के लिए रांची में अधिकारियों को इकट्ठा करने और एक फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उसकी पत्नी को दिवाली ऑफर का लालच तक देना. हद तो तब हो गई जब एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी ने कथित रूप से इन अधिकारियों के खिलाफ ‘काला जादू’ तक कराने की कोशिश की.
ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ झांरखंड के कम से कम आधा दर्जन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की जांच कर रही है. इस मामले की जांच अभी भी जारी है, लेकिन कहा जा रहा है कि ईडी का शिंकजा सोरेन और उनके कथित सहयोगियों के करीब पहुंच चुका है. पिछले दो वर्षों में झारखंड में ईडी का ऑपरेशन कैसे चला । फर्जी नाम से बुक कराए कमरे
झारखंड को छापेमारी जैसे ऑपरेशन के लिए मुश्किल राज्यों में से एक माना जाता है, खासकर साहिबगंज जैसे दूरदराज के इलाकों में जहां पत्थर की खदानों की संख्या सबसे अधिक है. रांची और साहिबगंज के बीच की दूरी लगभग 435 किलोमीटर है और सड़क मार्ग जैसे स्थानों तक पहुंचने में लगभग 11 से 12 घंटे लगते हैं. जून 2022 में, ईडी ने इलाके में अपना पहला तलाशी और जब्ती अभियान शुरू किया.
इस ऑपरेशन की काफी फुलपूफ्र प्लानिंग की गई थी. ईडी चाहता था कि संवेदनशील स्थानों और उसके आसपास के इलाके के माहौल के कारण ऑपरेशन गोपनीय रहे. छापे से कुछ दिन पहले, लगभग 90 अधिकारियों को झारखंड भेजा गया था. उन्होंने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अधिकारियों के नाम पर साहिबगंज और उसके आसपास कमरे बुक कराए.