कचरे से करोड़ों कमाता है इंदौर, सफाई के मामले में 7 सालों से है नंबर-1, जानें कैसे होता है यह फंडिंग?

देश के सबसे साफ शहरों की लिस्ट में इंदौर ने लागातार 7वीं बार बाजी मारी है. 2023 में जारी राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर की गुजरात के सूरत के साथ टक्कर था. मालूम हो कि इंदौर में शहरी निकाय कचरा प्रबंधन पर हर साल करीब 200 करोड़ रुपये खर्च करता है.

“वेस्ट टू वेल्थ” की थीम पर केंद्रित वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच इंदौर को कड़ी टक्कर मिली थी. वहीं, इंदौर नगर निगम का कुल बजट वित्त वर्ष 2023-24 के लिये 7,500 करोड़ रुपये का हो गया है.

लोगों से वसूल हो रहे हैं टैक्स

इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक अधिकारी ने शुक्रवार पीटीआई को बताया कि स्थानीय लोगों से कचरा संग्रहण शुल्क और जुर्माने की वसूली के साथ ही अन्य स्रोतों से इतनी ही राशि सरकारी खजाने में डालने की कोशिश की जा रही है, ताकि स्वच्छता के इस मॉडल को आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाया जा सके.

गीले कचरे से कमाई

इंदौर नगर निगम ने बाताया कि हम कचरा प्रबंधन पर प्रति वर्ष लगभग ₹200 करोड़ खर्च कर रहे हैं. इस खर्च का कुछ हिस्सा कचरे से निकल आता है. इसके अलावा एक निजी कंपनी ने इंदौर नगर निगम को जैव-सीएनजी ‘गोबर धन’ संयंत्र के लिए उपलब्ध कराए गए गीले कचरे के लिए 2.52 करोड़ रुपये की रॉयल्टी देती है. इसके अलावा, नगर निगम हरित ईंधन बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम से कम दाम पर बेच कर सरकारी खजाने को भरता है.

सूखे कचरे और इंटरनेशल मार्केट से भी कमाई

इंदौर नगर निगम ने आगे बताया, “आईएमसी (Indore Municiple Corporation) सूखा कचरा दूसरे प्रसंस्करण संयंत्र को भेजती है और बदले में यह फर्म निगम सालाना 1.43 करोड़ रुपये की रॉयल्टी प्रदान करती है. गीला और सूखा कचरा प्रसंस्करण संयंत्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा, आईएमसी (Indore Municiple Corporation) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कार्बन क्रेडिट बेच कर सालाना 9 करोड़ से अधिक रुपये का आय भी अर्जित कर रही है. इसके आलावा, बैन किये गए सिंगल यूज प्लास्टिक के पुनर्चकरण कर भी पैसे कमाती है.

जुर्माने से वसूली जा रही है राशि

मिली जानकारी के अनुसार, शहर के लगातार विस्तार के के कारण स्थानीय लोगों से कचरा संग्रहण शुल्क की वसूली बढ़ाने में चुनौती पैदा हो रही है. आईएमसी कुल 6.5 लाख घरों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और औद्योगिक संस्थानों से नियमित शुल्क वसूला जा रहा है. इसके अलावा, गंदगी फैलाने वाले लोगों से जुर्माना भी वसूल कर पैसे कमा रहा है.

हर साल इतने कचरे का होता है निस्तारण

अधिकारी ने बताया कि शहर में औसत आधार पर हर दिन 692 टन गीला कचरा, 683 टन सूखा कचरा और 179 टन प्लास्टिक अपशिष्ट अलग-अलग श्रेणियों में इकट्ठा किया जाता है. कचरा संग्रहण के लिए शहर भर में करीब 850 गाड़ियां चलती हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *