EPF और PPF दोनों में क्या है अंतर, किसमें किया निवेश तो मिलेगा अधिक रिटर्न?
जब आप निवेश के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में कई सारे विकल्प आते हैं, जिसमें शेयर बाजार से लेकर बैंक एफडी और EPF-PPF का नाम शामिल है. ऐसे और भी कई सारे स्कीम्स हैं, जिसमें निवेश किया जा सकता है, लेकिन सेफ और लॉन्ग टर्म के लिहाज से EPF और PPF को ही बेस्ट ऑप्शन माना जाता है. अभी हाल ही में EPF के ब्याज दरों में बदलाव किया गया है. नए ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न मिलना भी शुरू हो गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि दोनों में से रिटर्न के लिहाज से कौन बेस्ट ऑप्शन है.
नए ब्याज दर पर मिल रहा क्लेम
EPFO ने नए ब्याज दर पर क्लेम को अप्रुवल देना शुरू कर दिया है. इसकी जानकारी पेंशन फंड बडी ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है. पेंशन फंड निकाय ने एक्स प्लेटफॉर्म पर बताया कि अब तक ईपीएफओ ने 23.04 लाख से अधिक क्लेम का निपटारा किया गया है और मेंबर्स को 9,260 करोड़ रुपए की राशि वितरित की है, जिसमें नवीनतम घोषित ब्याज दर 8.25 प्रतिशत प्रति वर्ष शामिल है.
बता दें कि ईपीएफओ ने 10 फरवरी 2024 को 2023-24 के लिए 8.25 प्रतिशत ब्याज दर तय की थी. पिछले वर्ष (2022-23) के लिए ब्याज दर 8.15 प्रतिशत थी, जबकि 2021-22 के लिए यह दर 8.10 प्रतिशत थी, जो 1977-78 के बाद सबसे कम है, जब ब्याज दर 8 प्रतिशत थी.
EPF के लिए ये है शर्त
इसमें आप खुद से पैसा जमा नहीं कर सकते हैं. इसमें हर महीने आपकी सैलरी से कुछ-कुछ हिस्सा कंपनी के तरफ से जमा किया जाता है. कुछ हिस्सा एंप्लॉयर की तरफ से भी जमा होता है, जिसमें कंपनी कुछ हिस्सा आपकी सैलरी से तो कुछ अपने पास से आपके पीएफ अकाउंट में जमा करती है, जिसपर सरकार इंटरेस्ट देती है. इस तरह आपका पेंशन फंड तैयार हो जाता है. इसकी मदद से लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएट किया जा सकता है.
टैक्स के मोर्चे पर भी मिलती है राहत
ईपीएफ में निवेश करने पर टैक्स में भी लाभ मिलता है. निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. सेक्शन 80C की लिमिट 1.5 लाख रुपए है. इसके अलावा आपका पूरा इन्वेस्टमेंट टैक्स फ्री होता है. ईपीएफओ में गारंटीड रिटर्न मिलता है. हाल ही में EPFO बोर्ड ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी का इंटरेस्ट रेट देने का फैसला किया है. पिछले वित्त वर्ष यह 8.5 फीसदी था.
सेल्फ एंप्लॉयड के लिए है PPF का विकल्प
जो लोग नौकरी नहीं करते हैं उनके लिए सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड लेकर आई थी. इसका हिस्सा कोई भी भारतीय नागरिक बन सकता है. वर्तमान में PPF पर 7.1% का इंटरेस्ट रेट मिलता है. इसका फैसला तिमाही आधार पर किया जाता है. ईपीएफओ में सालाना आधार पर ब्याज दर तय किया जाता है. यह किसी भी बैंक, पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है. मिनिमम इन्वेस्टमेंट 500 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए हो सकता है. इसके लिए लॉक-इन पीरियड 15 सालों का है. इमरजेंसी होने पर इस फंड से कुछ हिस्सा निकाला जा सकता है.