Father Marriage: नाबालिग बेटी के साथ पिता ने रचाई शादी, सुहागरात पर किया ये काम

पहली बार सुनील से तब मिली थी, जब वह एक स्टोर में सैनिटरी पैड खरीदने के लिए संघर्ष कर रहा था, इस दौरान मैंने उसे एक सही सैनिटरी पैड चुनने में मदद की थी,

वह बहुत ज्यादा परेशान लग रहा था, इस दौरान उसने मुझे बताया था कि उसने हाल ही में अपनी पत्नी को खो दिया है, उसकी एक 13 साल की बेटी है, जिसके लिए उसे जीना है।

उसकी ये हालत देखकर मैंने उसे शांति से सब कुछ समझाया, मेरी बातें सुनकर वह तनावमुक्त लग रहा था। मैं भी उससे धीरे-धीरे कनेक्ट हो रही थी। सच कहूं तो सुनील के साथ वो दिन और आज का दिन, हम दोनों को साथ में 3 साल हो गए हैं।

मैंने शादी न करने की कसम खाई

इस घटना के बाद हम दोनों अक्सर एक-दूसरे से मिलते रहे। इस दौरान हमारे बीच बहुत सी बातें होने लगी थी। शायद ऐसा इसलिए क्योंकि वो और मैं अपने-अपने जीवन में एक ही स्तर पर थे,

हम दोनों की पसंद-नापसंद भी एक जैसी थी। यहां तक कि हमें एक ही टीवी सीरीज पसंद आई। वह एक स्वीटहार्ट थे और मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते थे। मैं खुद भी अविवाहित थी।

मैंने कभी भी शादी नहीं करने की कसम खाई थी, जिसकी वजह से मेरी उम्र निकल गई थी। लेकिन ऐसा लगता था कि 35 साल की उम्र में प्यार मेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था।

हम एक-दूसरे से प्यार कर बैठे-

सुनील और मैं एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिता ही रहे थे कि इसी बीच हमें एहसास हुआ कि हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं। शायद ऐसा इसलिए भी क्योंकि हम दोनों को साथ में एक साल बीत गया था, यह समय वास्तव में हमारे लिए विशेष था।

अपनी पत्नी के मरने के बाद वापिस से प्यार पाना उसके लिए बहुत बड़ी बात थी। मेरे लिए भी यह कुछ कम रोमांटिक नहीं था। उसके साथ मैं भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही थी।

मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती रात के खाने के दौरान मैं कई बार उसकी बेटी से भी मिली थी। वह बिल्कुल भी दोस्ताना नहीं थी। हालांकि, मुझे उससे इस तरह के व्यवहार की उम्मीद थी, ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक किशोर लड़की थी।

मैं उसके साथ शांत रहना चाहती थी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि यह एक संवेदनशील स्थिति थी, जिसे मैं किसी भी कीमत पर खराब नहीं करना चाहती थी।

मैंने उसकी बेटी को समझाया-

मैनें और सुनील ने अपनी शादी के बारे में घर बताया, इस दौरान सुनील की बेटी बेहद परेशान थी। कुछ दिनों तक उसने हमसे बात नहीं की। लेकिन सुनील ने यह सब संभालने की पूरी कोशिश की, हमने उसे कुछ समय देने का फैसला किया।

लेकिन इसके बाद भी वह हमारे साथ डिनर और गेट-टूगेदर पर आने से मना करती रही। हम जब भी उससे बात करते, वह हर बार सीधे अपने कमरे में चली जाती थी।

यह सब देखकर एक दिन मैंने उससे बात करने का फैसला किया। मैंने उससे पूछा कि वह क्या सोच रही है? इस दौरान उसने मुझे बताया कि शादी के बाद वह कितना ज्यादा अकेला महसूस कर रही है,

वह डर गई है कि उसके पिता उसकी मां को भूल जांएगे, मैं उसकी आंखों में आंसू देख सकती थी, लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे विश्वास दिलाया कि उसके पिता उसकी मां को कभी नहीं भूल सकते।

मैंने उसे बताया कि जब मैं सुनील से उसकी मां की कहानियां सुनती थी, तो वह बहुत ज्यादा खुश होता था। वह अपनी बेटी और अपनी प्यारी दिवंगत पत्नी के बारे में ही बात करता था।

यह सब सुनकर वह खुश होने लगी थी। इस दौरान मैंने उसे यह भी बताया कि मुझे इस अद्भुत परिवार का हिस्सा बनने के अलावा कुछ नहीं चाहिए। मेरी बात सुनकर वह मुस्कुराई और उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा।

हमने शादी कर ली-

इस घटना के बाद उसके साथ मेरी अद्भुत दोस्ती हो गई थी। कुछ महीने बाद सुनील और मेरी शादी हो गई। उसकी बेटी अपने पिता को खुश देखकर बहुत खुश हुई।

वह हर कदम पर हमारे साथ चल रही थीं। मैं अच्छे से देख सकती थी कि वेक परिवार के रूप में हम तीनों कितने खुश थे। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती सुनील की बेटी ने कभी भी मेरा जीवन कठिन नहीं बनाया

बल्कि वह अपने जीवन में इस बड़े बदलाव को लेकर काफी खुश है। वह एक अच्छी बच्ची है। मैं उससे बहुत प्यार करती हूं। सुनील मेरी लाइफ में सबसे अच्छी होने वाली चीज में से एक हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *