फैटी लिवर आपको बना सकता है पीलिया का शिकार, इन लोगों को खतरा

लिवर शरीर का एक ऐसा अंग है जिसमें हल्की से खराबी पूरे शरीर की सेहत पर असर करती है. लेकिन आजकल फैटी लिवर की समस्या काफी बढ़ गई है. जब लिवर पर जरूरत से अधिक फैट जमने लगता है तो फैटी लिवर की समस्या हो जाती है.

फैटी लिवर होने पर लिवर सिरोसिस से लेकर पीलिया तक के होने का रिस्क रहता है. जिससे लिवर पूरी तरह खराब भी हो सकता है. आइए जानते हैं कि पीलिया क्यों होता है और इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक, पीलिया शरीर में बिलीरूबीन के बढ़ने की वजह से होता है. पीलिया होने के बाद मेटाबॉलिज्म सही नहीं होता है और लिवर में परेशानी बढ़ने लगती है. कई मामलों में पीलिया की वजह से लिवर पूरी तरह डैमेज हो सकता है, जिससे जान जोखिम में पड़ सकती है.

क्या हैं पीलिया के शुरुआती लक्षण

एम्स नई दिल्ली में गैस्ट्रोलॉजी विभााग में डॉ. अनन्य गुप्ता बताते हैं कि फैटी लिवर की समस्या आजकल काफी बढ़ रही है. हर मामले में फैटी लिवर पीलिया नहीं करता है, लेकिन कुछ मरीजों के साथ ये हो सकता है. अगर शरीर में लंबे समय तक पीलिया रहता है तो इससे मरीज को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जहां तक बात लक्षणों की है तो पीलिया की शुरुआती पहचान बहुत जरूरी है. इसमें शुरुआत में आंखें और स्किन पीली पड़ने लगती है. कुछ लोगों को यूरिक भी पीले कलर का आने लगता है. इसके अलावा स्किन पर खुजली की समस्या बने रहना, थकावट होना और पाचन क्रिया में खराबी होना भी पीलिया के लक्षण होते हैं. अगर किसी व्यक्ति को यह समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए.

किन लोगों को खतरा

मोटापा से पीड़ित लोग

ज्यादा शराब का सेवन करने वाले

खानपान जिनका बिगड़ा हुआ है

फैटी लिवर की समस्या

बचाव कैसे करें

पीलिया से बचाव के लिए जरूरी है कि खानपान का ध्यान रखें. दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पिएं. अपनी डाइट में हरे फल और सब्जियां शामिल करें. शराब का सेवन और रेड मीट से बचें. हर 6 महीने में एक बार एलएफटी टेस्ट करा लें. अगर पीलिया से संबंधित कोई लक्षण दिख रहा है तो उसको नजरअंदाज न करें.

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